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मिजोरम में टूटने वाला है NDA? BJP के सहयोगी ने किया था विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन

मोदी सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव भले ही ध्वनिमत से खारिज हो गया है, लेकिन BJP की एक सहयोगी पार्टी ने इस मुद्दे पर विपक्ष के साथ जाने की बात कही थी।

MNF, MNF NDA, Lok Sabha, No Confidence Motion, MNF Lok Sabha- India TV Hindi Image Source : PTI अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही विपक्ष सदन से वॉकआउट कर गया था।

नई दिल्ली: लोकसभा में कांग्रेस द्वारा सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गुरुवार को ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया। अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीब सवा दो घंटे तक चले जवाब के बाद निचले सदन ने इस प्रस्ताव को ध्वनिमत से खारिज कर दिया। मोदी के जवाब के दौरान ही कांग्रेस सहित उसके सहयोगी दलों के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया और किसी भी सदस्य ने अविश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन की मांग नहीं की जिसके चलते प्रस्ताव ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया। हालांकि इन सबके बीच BJP की एक सहयोगी पार्टी ने अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन का एलान जरूर किया।

MNF ने किया अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन का एलान
बता दें कि मिजोरम में सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) ने केंद्र की BJP नीत सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा संसद में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने की बात कही थी। लोकसभा सांसद सी. लालरोसांगा ने गुरुवार को कहा कि वह मणिपुर सरकार तथा पड़ोसी राज्य में जातीय हिंसा से निपटने में केंद्र की ‘नाकामी’ को लेकर लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में मतदान करेंगे। बता दें कि MNF केंद्र में सत्तारुढ़ NDA का हिस्सा है लेकिन पिछले कुछ समय से पार्टी के सुर बदले हुए हैं।

सीएम जोरामथांगा ने भी जताई थी सांसद से सहमति
MNF के सांसद लालरोसांगा ने कहा था, ‘मैं विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करूंगा। इसलिए नहीं कि मैं कांग्रेस का समर्थन करता हूं या BJP के खिलाफ जाना चाहता हूं बल्कि स्थिति को संभालने में सरकारों खासतौर से मणिपुर सरकार की पूर्ण नाकामी पर विरोध दर्शाने के लिए इस प्रस्ताव का समर्थन करूंगा।’ लालरोसांगा ने कहा था कि उन्होंने इस मुद्दे पर पार्टी के अध्यक्ष एवं मणिपुर के मुख्यमंत्री जोरामथांगा तथा अन्य नेताओं से चर्चा की और उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने पर सहमति जताई है।

पिछले कुछ समय से अलग ही ‘मूड’ में हैं MNF के नेता
बता दें कि MNF के नेता पिछले कुछ समय से अलग ही रुख अपनाए हुए हैं और लगातार केंद्र सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। हालांकि साथ ही पार्टी के नेताओं ने यह भी कहा है कि वे बीजेपी से रिश्ता तोड़ने के बारे में नहीं सोच रहे हैं। दरअसल, मणिपुर में हुई हिंसा की घटनाओं के बाद से पूर्वोत्तर में चीजें काफी तेजी से बदली हैं और MNF का बीजेपी से मनमुटाव उन्हीं बदली हुई परिस्थितियों का नतीजा है।