कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) और जोराम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) पर बीजेपी का अनौपचारिक एजेंट होने का आरोप लगाया। खरगे ने कहा कि मिजोरम की ये दोनों प्रमुख सियासी पार्टियां बीजेपी की अनौपचारिक एजेंट के रूप में काम कर रही हैं। बता दें कि मिजोरम की सभी 40 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव के तहत 7 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और 3 दिसंबर को मतगणना होगी। पिछले विधानसभा चुनावों में MNF ने शानदार प्रदर्शन किया था और जोरामथांगा मुख्यमंत्री बने थे।
‘हम जो वादा करते हैं, उसे पूरा करते हैं’
खरगे ने 'X' पर एक पोस्ट में कहा,‘1986 में एक शांति समझौते के माध्यम से राजीव गांधी मिजोरम में शांति ले कर आए और 1987 में राज्य का दर्जा सुनिश्चित किया। कांग्रेस पार्टी सदैव देश की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध रही है। BJP-RSS विविधता के खिलाफ हैं और वे अपने मित्रों के भले के लिए आदिवासियों की संपत्ति, कीमती जमीन और जंगल छीनना चाहते हैं। MNF और ZPM, BJP के अनौपचारिक एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। मिजोरम के लोग शांति, समृद्धि और प्रगति के पात्र हैं। हम जो वादा करते हैं, उसे पूरा करते हैं।’
2018 के चुनावों में बुरी तरह हारी थी कांग्रेस अपने पोस्ट में खरगे ने आगे लिखा कि मिजोरम राज्य के लिए हमारी गारंटी कल्याण, समावेशी प्रगति और आर्थिक सुरक्षा की शुरूआत करेगी। बता दें कि जोरामथांगा की अगुवाई वाली मिजो नेशनल फ्रंट ने 2018 के
मिजोरम विधानसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन करते हुए 40 में से 26 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं, 2013 के विधानसभा चुनावों में 34 सीटें जीतने वाली कांग्रेस 2018 में मात्र 5 सीटों पर सिमट कर रह गई। पार्टी की बुरी गत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2 सीटों से चुनाव लड़ने वाले तत्कालीन सीएम लाल थनहावला दोनों सीटों से हार गए। नई नवेली पार्टी ZPMने उन चुनावों में 8 सीटों पर जीत दर्ज की थी।