आइजोल: मिजोरम की एक जिला अदालत ने एक दंपति पर हमला करने और महिला की हत्या का प्रयास करने के लिए म्यांमा के एक पूर्व सैनिक को बुधवार को दस साल कैद की सजा सुनाई। चम्फाई जिले के अतिरिक्त और सत्र न्यायाधीश सिल्वी जोमुआनपुई राल्ते ने 2022 में चम्फाई जिले में शरण लेने वाले म्यांमा के सैनिक मिन आंग को दोषी ठहराया और सजा सुनाई।
कुल 3,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया
अदालत ने उसे महिला की हत्या के प्रयास के लिए सात साल की जेल और दंपति को गंभीर चोट पहुंचाने के लिए तीन साल की जेल की सजा सुनाई। इसने दोनों मामलों में आंग पर कुल 3,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना अदा नहीं करने पर दोषी को तीन माह अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। आंग 2022 में म्यांमा से बंदूक लेकर मिजोरम भाग आया था। उसे चम्फाई के जोटे गांव में एक राहत शिविर में रखा गया था।
दंपति के कमरे में जबरन घुसने का आरोप
उस वर्ष सितंबर में वह राहत शिविर में म्यांमा के एक शरणार्थी दंपति के कमरे में जबरन घुस गया और उन्हें अपने लिये शराब और ड्रग्स खरीदने का आदेश दिया। जब दंपति ने यह कहते हुए मना कर दिया कि राहत शिविरों के अंदर शराब और अन्य पदार्थ सख्त वर्जित हैं, तो आंग ने महिला पर चाकू से हमला कर दिया। महिला के पति ने उसे रोकने की कोशिश की तो आरोपी ने उस पर भी हमला कर दिया, जिससे दंपति को गंभीर चोटें आईं।
आरोपी अपराध स्थल से भाग गया लेकिन यंग मिजो एसोसिएशन (वाईएमए) के स्वयंसेवकों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया। वाईएमए ने घटना के संबंध में एक प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी। (भाषा)