मिजोरम में अलगे महीने विधानसभा चुनाव है। राज्य में 7 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। उससे पहले मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने सोमवार को कहा कि विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां आएंगे तो वह उनके साथ मंच शेयर नहीं करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी 30 अक्टूबर को राज्य के पश्चिमी हिस्से में स्थित ममित शहर का दौरा कर सकते हैं और यहां बीजेपी उम्मीदवारों के लिए उनके प्रचार करने की संभावना है।
पीएम खुद मंच संभालें: सीएम
जोरमथांगा ने एक इंटरव्यू में कहा, ''मिजोरम में सभी लोग ईसाई हैं। जब मणिपुर के लोगों (मैतेई समुदाय) ने वहां सैकड़ों गिरजाघर जलाए, तो वे (मिजोरम के लोग) इस तरह के विचार के पूरी तरह से खिलाफ थे, इसलिए इस समय बीजेपी के साथ सहानुभूति रखना मेरी पार्टी के लिए अच्छा नहीं होगा।'' उन्होंने कहा, ''बेहतर होगा कि प्रधानमंत्री अकेले आएं, खुद मंच संभालें और मैं अलग से प्रचार करूं।''
"कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा नहीं बनना चाहता"
जोरमथांगा की मिजो नेशनल फ्रंट (MNF), भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (NEDA) का हिस्सा है और केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सहयोगी है, लेकिन मिजोरम में MNF बीजेपी के साथ नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि MNF NDA और NEDA में इसलिए शामिल हुआ कि यह कांग्रेस के पूरी तरह से खिलाफ है और यह इसके नेतृत्व वाले किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनना चाहता।
"मणिपुर में शांति बहाल करना केंद्र की जिम्मेदारी"
उन्होंने बताया कि म्यांमा, बांग्लादेश और मणिपुर के 40,000 से अधिक लोग राज्य में शरण लिए हुए हैं। जोरमथंगा ने कहा कि यह केंद्र की जिम्मेदारी है कि वह मणिपुर में शांति बहाल करे, ताकि लोग अपने मूल राज्य में वापस जा सकें।
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