आइजोल: पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर के मुख्यमंत्री जोरमथांगा और बीजेपी के बीच कड़वाहट की खबरें हवा में तैरने लगी हैं। हाल ही में जोरमथंगा ने कहा भी था कि वह एनडीए से नहीं डरते हैं। एनडीए से अलग होने की अटकलों के बीच जोरमथंगा ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बात कही है। मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट ने अब तक भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले NDA से अलग होने पर विचार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि NDA से अलग होने का फैसला सियासी जरूरत पर निर्भर करेगा।
‘मुद्दों पर आधारित है हमारा गठबंधन’
बता दें कि जोरमथांगा की पार्टी MNF केंद्र में एनडीए का हिस्सा है, और क्षेत्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (NEDA) की सदस्य है। पड़ोसी राज्य मणिपुर में हिंसा को लेकर आइजोल में प्रदर्शन से इतर मीडिया से बात करते हुए जोरमथांगा ने कहा कि एनडीए से संबंध तोड़ना राजनीतिक जरूरत पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा, ‘अब तक पार्टी ने इस मुद्दे पर कोई विचार नहीं किया है। यह राजनीतिक आवश्यकता पर निर्भर करता है।’ उन्होंने कहा कि MNF का NDA के साथ गठबंधन मुद्दों पर आधारित है।
‘...तो हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे’
सीएम जोरमथांगा ने कहा, ‘जब NDA की नीति अल्पसंख्यकों और बड़ी आबादी के हित के खिलाफ होगी, तो हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे।’ उन्होंने इससे पहले सोमवार को कहा था कि वह ‘NDA से नहीं डरते’ हैं। बता दें कि इस साल के अंत में मिजोरम में विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं और जोरमथांगा लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी करना चाहते हैं। माना जा रहा है कि MNF सुप्रीमो आने वाले दिनों के सियासी समीकरणों को ध्यान में रखकर ही कोई भी फैसला करेंगे। पिछले चुनावों में MNF ने 40 में से 26 सीटें जीती थीं जबकि BJP को एक सीट पर कामयाबी मिली थी।