आइजोल: मिजोरम सरकार जातीय संघर्ष से प्रभावित मणिपुर के 12,600 से अधिक विस्थापित लोगों के लिए केंद्र से आर्थिक सहायता मिलने का इंतजार कर रही है। मिजोरम के गृह आयुक्त एवं सचिव एच लालेंगमाविया ने बताया कि मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने मई में उन विस्थापित लोगों के लिए तत्काल राहत पैकेज के रूप में 10 करोड़ रुपये की मांग की थी। लालेंगमाविया ने कहा, ‘हमें अब तक केंद्र से कोई सहायता नहीं मिली है। राज्य सरकार ने मणिपुर के आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए खुद ही फंड जुटाया है।’
मणिपुर से मिजोरम में 12611 लोगों ने किया प्रवेश
लालेंगमाविया ने उम्मीद जताई कि केंद्र जल्द ही इन लोगों के लिए फंड मंजूर करेगा, जिन्होंने 3 मई को पड़ोसी राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद मिजोरम में शरण ली है। मिजोरम गृह विभाग के अनुसार, शुक्रवार तक मणिपुर से कुल मिलाकर 12611 लोग मिजोरम में प्रवेश कर चुके हैं। बयान में कहा गया है कि उनमें से 4440 ने मिजोरम के कोलासिब जिले में, 4265 ने आइजोल में और 2951 ने सैतुअल में शरण ली। इस बीच एक अधिकारी ने जानकारी दी कि मिजोरम की सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद म्यांमार के नागरिकों का बायोमैट्रिक विवरण एकत्र करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
म्यांमार के 30 हजार से ज्यादा नागरिक मिजोरम में
बता दें कि म्यांमार में सेना के तख्तापलट करने के बाद फरवरी 2021 से म्यांमार के लगभग 30 हजार से ज्यादा नागरिक मिजोरम में शरण ले चुके हैं। राज्य के गृह विभाग के विशेष कर्तव्य अधिकारी-संयुक्त सचिव डेविड एच. ललथांगलियाना ने कहा कि बीते सप्ताह सभी 11 जिलों में म्यांमार के नागरिकों का बायोमैट्रिक विवरण दर्ज करने के लिए पायलट परियोजना शुरू की गई थी। अप्रैल में गृह मंत्रालय ने मिजोरम और मणिपुर को अवैध प्रवासियों का बायोमैट्रिक डीटेल्स दर्ज करने का निर्देश दिया था।