मानव तस्करी के एक मामले में हरियाणा के नूंह की जिला अदालत ने तीन रोहिंग्या को 10–10 साल कैद और सभी पर दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना नहीं भरने पर दोषियों को एक साल की अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी। पुलिस केस के मुताबिक, मामला फरवरी 2021 का है। बाल कल्याण समिति नूंह को सूचना मिली थी कि दो बांग्लादेशी किशोरियों को कुछ लोग मिजोरम, कोलकाता के रास्ते भारत लेकर आए हैं।
सौदा 70–70 हजार में तय किया
देश में लाने के बाद लड़कियों को नूंह के वार्ड-7 में रह रहा रोहिंग्या शरणार्थी मोहम्मद अयास दोनों किशोरी को दिल्ली से नूंह लेकर आया है। इसके बाद मोहम्मद अयाज ने अपने साथी रोहिंग्या शरणार्थी हफीज अहमद और मोहम्मद यूनुस के साथ दोनों लड़कियों को गांव मालब लेकर गया। आरोपियों ने मिलकर लड़कियों को कश्मीर में बेचने का सौदा 70–70 हजार रुपये में तय कर दिया। सूचना के आधार पर पहुंची बाल कल्याण समिति नूंह की टीम ने दोनों लड़कियों को अपने कब्जे में लिया और आरोपियों के खिलाफ नूंह के सिटी थाने में थाना में मामला दर्ज कराया था।
पूछताछ में आरोपियों ने कबूला जुर्म
सरकारी अधिवक्ता के मुताबिक, पुलिस ने इस मामले में दिसंबर 2021 में आरोपी रोहिंग्या मोहम्मद आयस, हफीज अहमद और मोहम्मद यूनुस को गिरफ्तार कर लिया था। तीनों ने पुलिस से हुई पूछताछ में जुर्म कबूल करते हुए अपने अन्य साथियों के नाम भी बताएं। आरोपियों ने यह भी बताया कि लड़कियों का सौदा कश्मीर के अनंतनाग में हलीमा बानो से किया था, जिनसे 70 हजार प्रत्येक लड़की को बेचने की बात हुई थी। सरकारी अधिवक्ता प्रताप सिंह ने बताया कि मामले की सुनवाई एडिशनल सेशन जज अजय कुमार वर्मा की अदालत में हुई।
दोषियों को अदालत ने सुनाई सजा
अभियोजन पक्ष ने अदालत में मामले को लेकर जो साक्ष्य दिए। उन्हें आधार बनाते हुए जिला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय कुमार की अदालत ने मंगलवार शाम दिए गए फैसले में तीनों को दोषी करार देते हुए दस साल की सजा सुनाई। जुर्माना नहीं भरने पर दोषियों को एक साल की अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी। सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि अभी इस मामले में और भी गिरफ्तारियां होनी बाकी हैं।