मिजोरम विधानसभा चुनाव में जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) को बड़ी जीत मिली है। जेडपीएम ने मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) को सत्ता से बेदखल करते हुए 40 सीटों वाले विधानसभा में 27 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं, मिजो नेशनल फ्रंट को सिर्फ 10 सीटों पर जीत मिली है। इसके अलावा बीजेपी के पाले में दो सीटें, जबकि कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली है। हालांकि, इस बार का मिजोरम विधानसभा चुनाव इस मायने में खास रहा कि पहली बार तीन महिला उम्मीदवार 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनी गईं।
किस पार्टी की महिला प्रत्याशी ने दर्ज की जीत?
ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडएमपी) की उम्मीदवार लालरिनपुई ने लुंगलेई पूर्व निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की और उनकी पार्टी की सहयोगी और टेलीविजन एंकर बेरिल वन्नेइहसांगी आइजावी दक्षिण-3 सीट से चुनी गईं। मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) की प्रावो चकमा ने वेस्ट तुइपुई सीट से जीत हासिल की। लालरिनपुई और प्रावो ने अपने पुरुष कांग्रेस उम्मीदवारों को हराया, जबकि बैरिल वन्नेइहसांगी ने अपनी एमएनएफ प्रतिद्वंद्वी को हराया।
Image Source : IANSमिजोरम में इन तीन महिला उम्मीदवारों ने चुनाव जीता
इस बार 16 महिलाओं ने लड़ा था चुनाव
ईसाई बहुल मिज़ो समाज पारंपरिक रूप से पितृसत्तात्मक संस्कृति का पालन करने वाला है। मिजोरम के मुख्य राजनीतिक दलों ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में शायद ही महिला उम्मीदवारों को नामांकित किया हो। 7 नवंबर के विधानसभा चुनावों में 16 महिलाओं सहित 174 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा, जबकि 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों में 18 महिलाओं सहित कुल 209 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। 2013 के विधानसभा चुनावों में छह महिला उम्मीदवारों सहित 136 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था। 2013 या 2018 के चुनावों में कोई भी महिला उम्मीदवार नहीं जीती थी। मिजोरम में विधायिका के लिए चुनी गई पहली महिला (मिजोरम को 1972 में 30 सदस्यीय विधायिका के साथ केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था) पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) की एल. थानमावी थीं।