मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को बंबई हाईकोर्ट को बताया कि यदि कोविड-19 रोधी वैक्सीन कोविशील्ड के निर्माता सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला को सुरक्षा मुहैया कराने का अनुरोध किया जाता है तो वह सुरक्षा प्रदान करने को तैयार है। सरकार के बयान के बाद, अदालत ने पुणे में रहने वाले पूनावाला को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने की मांग वाली जनहित याचिका का निपटारा कर दिया। पूनावाला को केन्द्र सरकार की ओर से पहले ही सीआरपीएफ की 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है।
पूनावाला ने कथित रूप से कहा था कि टीकों की आपूर्ति को लेकर उन्हें धमकियां मिल रही हैं, जिसके बाद अधिवक्ता दत्ता माने ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपील की थी कि वह केन्द्र और राज्य सरकारों को पूनावाला को 'जेड-प्लस' सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दे।
लोक अभियोजक दीपक ठाकरे ने न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जामदार की खंडपीठ को बताया कि यदि पूनावाला को सुरक्षा चाहिये तो राज्य सरकार उन्हें पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करेगी।
अदालत ने कहा, ''अब ऐसी याचिकाओं पर और सुनवाई नहीं की जा सकती। अभियोजक के बयान के मद्देनजर हमारा मानना है कि इस याचिका का निस्तारण किया जा सकता है।'' पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने एक व्यक्ति के लिये सुरक्षा मांगी है और हो सकता है कि उसे इस याचिका के बारे में पता भी न हो।
अदालत ने कहा, ''ये निजी मामले हैं। क्या होगा यदि वह (पूनावाला) कहते हैं कि उन्हें सुरक्षा नहीं चाहिये या वह डरे हुए नहीं है। हम लोगों की बातों के आधार पर आदेश जारी नहीं कर सकते है।''
बता दें कि भारत में शक्तिशाली लोगों के कोरोना वैक्सीन को लेकर डाले जा रहे दबाव से बचने के लिए ब्रिटेन पहुंचे सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला और उनके परिवार को जेड प्लस सुरक्षा देने की मांग वाली अर्जी बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर की गई थी।
वहीं महाराष्ट्र के मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता हसन मुश्रीफ ने आरोप लगाया कि सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया के प्रमुख अदार पूनावाला को देश छोड़ने के लिए बाध्य किया गया। महाराष्ट्र को 1.5 करोड़ वैक्सीन डोज देने का वादा करने के लिए केंद्र से उन्हें धमकी मिल रही थी।
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