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Hindi News महाराष्ट्र 'शिंदे-फडणवीस मेरे जूनियर, मुझे CM का ऑफर मिलता तो...', सीएम-डिप्टी सीएम के सामने यूं छलका अजित पवार का दर्द

'शिंदे-फडणवीस मेरे जूनियर, मुझे CM का ऑफर मिलता तो...', सीएम-डिप्टी सीएम के सामने यूं छलका अजित पवार का दर्द

अजित पवार ने कहा, सभी आगे निकल गए और मैं पीछे रह गया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस पहली बार 1999 में और शिंदे 2004 में विधायक बने थे, जबकि वह पहली बार 1990 में विधानसभा के सदस्य बने थे। उन्होंने मजाकिया लहजे में ये बातें कही।

ajit pawar- India TV Hindi Image Source : X- AJIT PAWAR अजित पवार

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि यदि भाजपा और शिवसेना ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की पेशकश की होती तो वह पूरी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को अपने साथ ले आते। उन्होंने कहा कि राजनीति में वह मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दोनों से सीनियर हैं। पवार ने वर्तमान मुख्यमंत्री की जीवनी ‘योद्धा कर्मयोगी- एकनाथ संभाजी शिंदे’ के विमोचन के अवसर पर मजाकिया लहजे में ये बातें कही। इस कार्यक्रम में शिंदे और फडणवीस भी मौजूद थे।

'सभी आगे निकल गए, मैं पीछे रह गया'

जुलाई 2023 में अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत कर दी थी और वह एनसीपी को तोड़कर भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए थे। अजित पवार ने कहा, ‘‘सभी आगे निकल गए और मैं पीछे रह गया।’’ उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस पहली बार 1999 में और शिंदे 2004 में विधायक बने थे, जबकि वह पहली बार 1990 में विधानसभा के सदस्य बने थे। पवार ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘मैंने कुछ लोगों से मजाक में कहा था कि जब आपने (भाजपा की ओर स्पष्ट इशारा करते हुए) एकनाथ शिंदे से कहा था कि वे इतने विधायकों के साथ आएं और उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा... तो आपको मुझसे पूछना चाहिए था। मैं पूरी पार्टी को साथ ले आता।’’ इस पर फडणवीस, शिंदे और खुद अजीत पवार भी हंसने लगते है।

इसके बाद पवार ने बनावटी गंभीरता के साथ कहा, ‘‘दोस्तों, मजाक की बात है, रहने दीजिए। जीवन में होता वही है जो भाग्य में लिखा होता है। हमें अपना-अपना काम करते रहना चाहिए।''

फडणवीस ने क्या कहा?

इस अवसर पर फडणवीस ने कहा कि वह एक ही विधानसभा कार्यकाल (2019 से 2024 के बीच) के दौरान मुख्यमंत्री, विपक्ष के नेता और फिर उपमुख्यमंत्री बने और इसी तरह, पवार भी एक ही अवधि के दौरान उपमुख्यमंत्री, विपक्ष के नेता और फिर उपमुख्यमंत्री बने। मुख्यमंत्री शिंदे ने बाद में पत्रकारों से बात करते हुए विश्वास जताया कि पिछले दो वर्षों में विकास और कल्याणकारी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने के कारण उनकी सरकार विधानसभा चुनावों के बाद सत्ता बरकरार रखेगी।

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