राजनीति में आएंगी कंगना रनौत? अभिनेत्री ने किया यह ऐलान
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले अभिनेता कंगना रनौत से मिलने के बाद कहा, ''कंगना रनौत ने कहा कि वह राजनीति में दिलचस्पी नहीं रखती हैं, लेकिन समाज में एकता सुनिश्चित करने में दिलचस्पी रखती हैं।
मुंबई: केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले की आज अभिनेता कंगना रनौत से उनकी राजनीति में एंट्री को लेकर मुलाकत हुई। अठावले ने अभिनेत्री से मिलने के बाद कहा, ''कंगना रनौत ने कहा कि वह राजनीति में दिलचस्पी नहीं रखती हैं, लेकिन समाज में एकता सुनिश्चित करने में दिलचस्पी रखती हैं। उन्होनें कहा कि उनकी आगामी फिल्म में वह एक दलित की भूमिका निभा रही हैं और उस जाति व्यवस्था को समाप्त किया जाना चाहिए'' रामदास अठावले ने कहा कि उसे राजनीति में दिलचस्पी नहीं है और जब तक वह फिल्मों में काम कर रही है, उसका राजनीति में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है, अठावले ने कहा लेकिन अगर वह भाजपा या आरपीआई में शामिल होती है, तो हम उसका स्वागत करेंगे।
कितनों का मुंह बंद कराएंगे, मेरी आवाज दूर तक जाएगी: कंगना रानौत ने ठाकरे से कहा
मुंबई के बीएमसी अधिकारियों द्वारा कंगना रनौत के कार्यालय के कुछ हिस्सों को गिराने के एक दिन बाद, अभिनेत्री ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर '' सत्ता के दुरुपयोग '' का आरोप लगाते हुए महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा और घोषणा की कि उनकी आवाज दूर तक जाएगी। इस घटनाक्रम में फिल्म जगत के कई लोग रनौत के समर्थन में आगे आए हैं। रनौत ने शिवसेना के नेतृत्व वाले बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की गुंडों से तुलना करते हुए कई ट्वीट् पोस्ट किए, जिसमें राज्य सरकार को एक ‘‘मिलावटी सरकार’’ कहकर मराठी संस्कृति को याद करने की नसीहत दी गई।
अभिनेत्री (33) बुधवार को ही अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश से मुम्बई लौटी हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि शिवसेना से टकराव के कारण महाराष्ट्र सरकार उन्हें निशाना बना रही है। शिवसेना नीत बीएमसी ने बुधवार को अभिनेत्री के बांद्रा स्थित बंगले में किए गए कुछ अवैध निर्माण को तोड़ दिया था। हालांकि बंबई उच्च न्यायालय ने बाद में प्रक्रिया पर रोक लगाने का आदेश दिया था।
गौरतलब है कि मुम्बई पुलिस और महाराष्ट्र के बारे में कंगना के एक हालिया बयान से विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने दावा किया था कि वह मुम्बई में असुक्षित महसूस करती हैं। इसके बाद शिवसेना के नेता संजय राउत ने उनसे मुम्बई वापस नहीं आने को कहा था। राउत के इस बयान के बाद अभिनेत्री ने मुम्बई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से की थी। कंगना ने राकांपा-शिवसेना-कांग्रेस की राज्य सरकार पर तंज कसा और कहा कि शिवसेना की विचारधारा से समझौता किया गया है।
उन्होंने ट्वीट किया,‘‘जिस विचारधारा पर श्री बाला साहेब ठाकरे ने शिवसेना का निर्माण किया, आज शिवसेना से सोनिया सेना बनकर उसने सत्ता के लिए वह विचारधारा बेच दी है। जो गुंडे मेरी पीठ के पीछे मेरे घर को तोड़ते हैं, उन्हें नागरिक निकाय न कहें। संविधान का अपमान ना करें।” रनौत ने ठाकरे को भाई-भतीजावाद का एक प्रमुख उदाहरण बताया जो उनकी आवाज को दबाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं।
उन्होंने आगे लिखा,‘‘आपके पिता के अच्छे कर्म आपको धन दे सकते हैं, लेकिन आपको सम्मान अर्जित करना होगा, आप मेरा मुंह बंद कर देंगे, लेकिन मेरी आवाज मेरे बाद सौ करोड़ लोगों में गूंज उठेगी, आप कितने मुंह बंद करेंगे?’’ “आप कितनी आवाजें दबाएंगे? कब तक आप सच्चाई से दूर भागेंगे, आप वंशवाद के एक उदाहरण के अलावा और कुछ नहीं हैं।” इस घटना में कंगना को मिले समर्थन के लिए उन्होंने लोगों का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा , ‘‘मेरे कई मराठी दोस्त कल फोन पर रो रहे थे। कुछ ने मुझे मदद के लिए कई संपर्क दिए। कुछ लोग घर पर खाना भेज रहे थे, जिसे मैं सुरक्षा प्रोटोकॉल के कारण स्वीकार नहीं कर सकी।”
उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र सरकार की शर्मनाक हरकत से मराठी संस्कृति और गौरव को ठेस नहीं पहुंचनी चाहिए।’’ फिल्म जगत के कई लोगों ने बीएमसी की कार्रवाई की आलोचना की। अभिनेत्री दीया मिर्जा ने कहा कि वह रनौत का कार्यालय गिराने के साथ-साथ रिया चक्रवर्ती के साथ हुए‘‘उत्पीड़न और दुर्व्यवहार ’’ की भी निंदा करती हैं। उन्होंने कहा,‘‘यह पक्ष लेने के बारे में नहीं है। यह अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के बारे में है। याद रखें कि यह आपके साथ भी हो सकता है।’’
फिल्मकार रीमा कागती ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मैं कंगना के कार्यालय गिराने और रिया की के उत्पीड़न की निंदा करती हूं। हां मैं इन दोनों चीजों के खिलाफ खड़ी हो सकती हूं।’’ अभिनेता रेणुका शहाणे भी, रनौत के समर्थन में सामने आईं। हालांकि उन्हें रनौत की मुंबई की पीओके से तुलना करने वाली टिप्पणी पसंद नहीं आई, लेकिन उन्हें बीएमसी की यह कार्रवाई निंदनीय लगी।
शहाणे ने लिखा,‘‘आपको इतना नीचे गिरने जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री कृपया हस्तक्षेप करें। हम फिलहाल एक महामारी से निपट रहे हैं। क्या हमें इस अनावश्यक नाटक की आवश्यकता है?’’ कश्मीरी पंडितों पर फिल्म बनाने के फैसले को लेकर फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने रनौत का समर्थन किया। उन्होंने कहा,‘‘उसने एक त्रासदी पर फिल्म बनाने की इच्छा व्यक्त की है और हम इसमें उसके साथ हैं। मुझे यकीन है कि यह फिल्म रिलीज होने पर हमारी त्रासदी की सही तस्वीर दिखेगी। यह उन फिल्म निर्माताओं पर भी एक थप्पड़ होगा जिन्होंने इस त्रासदी का मजाक उड़ाया है।धन्यवाद कंगना जी।”