पुणे शहर में बेकाबू जंगली भैंसे की इलाज के दौरान हुई मौत, कई घरों और गाड़ियों का किया था नुकसान
महाराष्ट्र के दूसरे सबसे बड़े शहर में इस समय जंगली भैंसे ने उत्पात मचाया हुआ है।
पुणे शहर में हंगामा मचाने वाले जंगली भैंसे की रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान हुए गंभीर जख्मों के कारण मौत हो गई है। पशु चिकित्सालय में इलाज के दौरान भैंसे की मौत हो गई। जंगली भैंसे को उसके आगे के 2 पैरों, पेट, गले और सिर पर गंभीर चोट लगी थी और उसका काफी खून भी बह गया था।
बता दें कि, आज बुधवार सुबह ही महाराष्ट्र के दूसरे सबसे बड़े शहर पुणे में जंगली भैंसे (गौर) ने खूब उत्पात मचाया था। करीब 3 घंटों की मशक्कत के बाद जंगली भैंसा काबू में आया। इससे पहले यह भैंसा शहर की सड़कों और रिहायशी इलाकों में घूमता रहा था। भैंसे ने शहर के कई आबादी वाले इलाकों में उत्पात मचाया था। वन विभाग इसे काबू करने के लिए बेहाशी के 5 इंजेक्शन लगाए, तब जाकर यह मदमस्त भैंसा काबू में आया था।
वन विभाग के अधिकारियों की टीम 3 घंटे तक लगातार जंगल से शहर में आए भैंसे को पकड़ने में जुटी रहीं। भैंसे ने 3 लोगों को घायल भी कर दिया था। इसके अलावा कई इमारतों को भी नुकसान पहुंचाते हुए कई घरों के गेट भी तोड़ दिए थे।फारेस्ट टीम ने बेहोश होने वाले इंजेक्शन से कई बार किया प्रहार लेकिन ये जंगली भैंसा काबू में नहीं आया।
वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कोथरूड इलाके की महात्मा आवासीय सोसाइटी में कुछ स्थानीय लोगों ने गौर को घूमते हुए देखा और वन विभाग को इस बारे बताया। गौर को देखने के लिए इलाके में पहुंचे लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वन विभाग की एक टीम और पुलिसकर्मी भी वहां पर पहुंचे। संभागीय वन संरक्षक राहुल पाटिल ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि निकटवर्ती मुल्शी वन क्षेत्र से भटककर यह जंगली जानवर आवासीय इलाके में आ गया। उन्होंने कहा, ‘‘हमने इलाके में वन अधिकारियों की एक टीम को भेजा है। जानवर को पकड़ कर जंगल में छोड़ दिया जाएगा।’’ गौर 1986 से आईयूसीएल की ‘रेड लिस्ट’ में है।