पुणे: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में गन्ने की पैदावार में हुई वृद्धि पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अगर उपज इसी तरह जारी रही तो एक दिन आएगा, जब आत्महत्या करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। गडकरी सोलापुर शहर में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के शिलान्यास समारोह के दौरान बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि वह सोलापुर में जल संरक्षण के लिए उठाए गए कदमों को देखकर खुश हैं, जो एक समय सूखे के प्रति संवेदनशील जिला हुआ करता था। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा, 'इस कार्य से कुओं का जलस्तर बढ़ गया, जिससे खेती और पीने के लिए पानी की उपलब्धता में सुधार हुआ। हालांकि, इस क्षेत्र में करने के लिए और भी बहुत कुछ है।'
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, 'स्थानीय नेता बाबनदादा शिंदे ने मुझे बताया कि 22 लाख गन्ना नष्ट कर दिया गया है। अगर जिले में इस तरह से फसल नष्ट की जा रही है तो मेरे शब्दों को याद रखिएगा कि यदि गन्ने की पैदावार इसी तरह जारी रही तो एक दिए ऐसा आएगा, जब आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।
बता दें, इस साल महाराष्ट्र में गन्ने का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। लेकिन अधिक उत्पादन के बीच किसानों के सामने मिल संचालक द्वारा वजन में कटौती और रिकवरी कम दिखाने, समय पर पेमेंट नहीं करने जैसी समस्याएं भी आईं। ऐसी भी खबर आई कि कई किसानों ने इन समस्याओं से परेशान होकर कई लाख गन्ना ही नष्ट कर दिए।
महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा चीनी का उत्पादन किया जाता है। 2020-21 में 88.90 टन प्रति हेक्टेयर की उत्पादकता दर्ज की गई थी। इस मामले में महाराष्ट्र देश में चौथे नंबर पर था, जबकि 81.50 टन प्रति हेक्टेयर के साथ उत्पादकता के मामले में उत्तर प्रदेश आठवें नंबर पर रहा। देश में प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादकता 82.20 टन की थी। यहां 11.43 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती होती है।