मुंबई: महाराष्ट्र में महायुति ने अभी तक सीएम के नाम का ऐलान नहीं किया है। शिवसेना के नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जहां मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि मुझे सीएम पद की लालसा नहीं है। पीएम मोदी जो भी फैसला लेंगे उन्हें वह मंजूर है। इसके बाद अब सबकी निगाहें पीएम मोदी के फैसले पर टिकी है। माना जा रहा है कि बीजेपी अपना मुख्यमंत्री बनाएगी। इस बीच मुंबई के साथ राजधानी दिल्ली में सियासी हलचल देखी जा रही है। जिस वक्त सीएम शिंदे मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे उसी वक्त गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए शिवसेना शिंदे के सांसद पहुंचे।
वहीं इस महाराष्ट्र बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा में इसलिए देर हो रही है ,क्योंकि पूरे सरकार की शपथ की एक विधि है। कौन सी पार्टी को कौन सा मंत्री पद दिया जाए ,कौन प्रभारी मंत्री होगा, इस पर चर्चा चल रही है। इसलिए समय लग रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को लेकर हम लोगों के बीच में कोई कंपटीशन नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को लगता है कि देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री होना चाहिए , एकनाथ शिंदे के कार्यकर्ताओं को लगता है कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री होने चाहिए, अजीत पवार के कार्यकर्ताओं को लगता है कि अजित पवार होने चाहिए, 11 पार्टियों का कंट्रीब्यूशन जीत में है।
बावनकुले ने कहा कि महायुति के 235 विधायक जीतकर आए हैं, अपोजिशन लीडर भी नहीं रहने वाला। उन्होंने कहा कि शिंदे जी नाराज रहने वाले कार्यकर्ता नहीं है। केंद्रीय नेतृत्व एवं तीनों नेता बैठकर मुख्यमंत्री का फैसला करेंगे। बावनकुले ने कहा कि जनता को मां-बाप समझकर जो कार्यकर्ता काम करता है वही चुनाव जीतता है। लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस एवं विपक्ष ने झूठ बोला था। मोदी जी के खिलाफ झूठ बोला और फिर जनता ने उन्हें नकार दिया।
चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि जब 4 महीने पहले उनके 31 सांसद चुनकर आए तो उस दौरान भाजपा ने सोचा कि हमारी कमियां है। महायुती ने सोचा कि उनकी क्या कमियां हैं, उसे दूर करने की कोशिश की। वहीं उस दौरान महाविकास अघाड़ी ने EVM का जय जयकार किया , EVM को माला पहनाया। लोकसभा के दौरान महाविकास अघाडी ने झूठ बोला, आज डबल इंजन की सरकार बन रही है सरकार अच्छे तरीके से चलेगी।
चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि कांग्रेस के अध्यक्ष को आत्म परीक्षण करना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले साकोली विधानसभा के सारे गांव से गायब हैं। यदि वे ईवीएम को दोष देते रहे तो अगला चुनाव भी हार जाएंगे। उनकी स्थिति इस बार से भी ज्यादा खराब हो जाएगी। बता दें कि नाना पटोले करीब 200 वोटों से चुनाव जीतने में सफल रहे हैं।