कौन हैं दया नायक? सैफ अली खान पर हमले के बाद उनके घर पहुंचे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट
मुंबई में सैफ अली खान के घर पर चाकू से हमला हुआ, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए। हमले के बाद मुंबई पुलिस के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे जिनमें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दया नायक भी शामिल थे।
मुंबई: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में बुधवार देर रात बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान के घर में घुसकर एक हमलावर ने कथित चोरी के प्रयास के दौरान उन पर चाकू से हमला कर दिया, जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गए। 54 वर्षीय खान के प्रतिनिधियों ने बताया कि उन्हें इलाज के लिए लीलावती अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी सर्जरी हुई और अब उनके स्वास्थ्य में सुधार है। हमले के बाद मुंबई पुलिस के अधिकारी सैफ अली खान के बांद्रा वेस्ट स्थित अपार्टमेंट परिसर में पहुंचे थे। इन अधिकारियों में मुंबई पुलिस के मशहूर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दया नायक भी शामिल थे।
क्यों चर्चा में रहते हैं दया नायक?
बता दें कि दया नायक का नाम मुंबई के अंडरवर्ल्ड गैंगस्टरों के खिलाफ चलाए गए कई ऑपरेशंस के कारण चर्चा में आया था। 1990 के दशक में उन्होंने 80 से भी ज्यादा गैंगस्टरों को अपनी गोलियों का शिकार बनाया था। दया नायक का नाम मुंबई के बदमाशों में दहशत का पर्याय बन गया था। कर्नाटका के उडुपी जिले में एक कोंकणी भाषी परिवार में जन्मे दया नायक ने अपनी पढ़ाई कन्नड़ मीडियम स्कूल से की थी। कक्षा 7 तक पढ़ाई करने के बाद उन्होंने 1979 में मुंबई का रुख किया ताकि अपने परिवार की मदद कर सकें।
मुंबई में एक होटल में किया काम
मुंबई में अपने परिवार को सपोर्ट करने के लिए उन्होंने एक होटल में भी काम किया। इसी तरह उन्होंने म्यूनिसिपल स्कूल से 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने अंधेरी के सीईएस कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। कॉलेज के दिनों में नारकोटिक्स विभाग के कुछ अधिकारियों से मुलाकात के बाद ही दया नायक ने पुलिस में जाने का सपना पाल लिया था। 1995 में पुलिस अकादमी से स्नातक होने के बाद उन्हें जुहू पुलिस स्टेशन में पुलिस सब-इंस्पेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया। उस समय मुंबई में अंडरवर्ल्ड का सबसे ज्यादा प्रभाव था।
विवादों से भी रहा है गहरा नाता
दया नायक लोकप्रियता की सीढ़ियां चढ़ने के साथ-साथ कई विवादों में भी घिरे रहे। 2004 में महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (MCOCA) कोर्ट ने एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को उनकी संपत्ति की जांच करने का आदेश दिया। ACB ने 6 स्थानों पर छापेमारी की, जिनमें से 2 बेंगलुरु में थीं। इन छापों के दौरान पाया गया कि दया नायक कथित तौर पर विशाल ट्रैवल्स नाम की एक ट्रैवल एजेंसी के मालिक हैं जो कई लग्जरी बसें चलवाती है। साथ ही कर्नाटक के कार्कल शहर में भी उनकी बसें चलने की बात कही गई।
पहले गिरफ्तारी, फिर हुई बहाली
इन सबके बीच दया नायक को ACB ने गिरफ्तार कर लिया। हालांकि 2012 में उन्हें पुलिस सेवा में फिर से बहाल किया गया और पश्चिमी नियंत्रण कक्ष में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के पद पर नियुक्त किया गया। दया नायक का नाम मुंबई पुलिस के इतिहास में एक जाने माने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर लिया जाता है। मुंबई से अंडरवर्ल्ड का सफाया करने में उनका भी अहम योगदान माना जाता है।