मुंबई: शिवसेना के नाम और चुनाव चिन्ह धनुष-बाण को लेकर मचे घमासान ने महाराष्ट्र की राजनीति में गर्मी ला रखी है। चुनाव आयोग ने शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह एकनाथ शिंदे के गुट को सौंपा है। इस फैसले के बाद जहां मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके गुट के नेता इसे बालासाहेब और उनके विचारों की जीत बता रहे हैं तो वहीं उद्धव ठाकरे और उनके गुट के नेता इस फैसले को अस्वीकार कर रहे हैं। वे आयोग के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कर रहे हैं। इस घमासान के दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले का बड़ा बयान आया है।
यह फैसला निराश और हैरान करने वाला - सुप्रिया सुले
उन्होंने कहा कि यह फैसला हैरान और निराश करने वाला है। लेकिन हमें इससे निपटना होगा। उन्होंने कहा कि शरद पवार ने कहा था कि आपको इन चुनौतियों का सामना करना होगा और शुरु से एक नई शुरुआत करनी होगी। केवल पृष्ठभूमि को नहीं भूलना चाहिए कि पार्टी बालासाहेब ठाकरे द्वारा शुरू की गई थी और उन्होंने तय किया था कि इसे कौन चलाएगा। उन्होंने कहा कि बालासाहेब ठाकरे की इच्छा थी कि उद्धव ठाकरे पार्टी को चलाएं। बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह फैसला आया है क्योंकि अगर यह पार्टी बालासाहेब ठाकरे ने शुरू की थी और उनकी इच्छा थी कि उद्धव ठाकरे इसे चलाएं, तो यह फैसला होना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि जब राज ठाकरे ने पार्टी छोड़ी तो उन्होंने पार्टी को हथियाया नहीं। उन्होंने अपने दम पर शुरुआत की। तो, यह एक विकल्प था जो हर किसी के पास था। लेकिन इस पार्टी को हड़पने के लिए जिस तरह से यह सब हुआ है वह बहुत ही दुखद और निराशाजनक है।
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