नयी दिल्ली: ओमिक्रॉन ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। देश में ओमिक्रॉन के अब तक 23 मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि, अभी तक ओमिक्रॉन से किसी की मौत नहीं हुई है। इस बीच महाराष्ट्र की स्थिति पर सभी की नजर बनी हुई है। ओमिक्रॉन को लेकर मुम्बई के प्राइवेट अस्पतालों की क्या तैयारियां है? इन अस्पतालों में कितने डिडिकेटेड बेड्स हैं ओमिक्रॉन के मरीजो के लिए?
डॉक्टर गौतम भंसाली मुम्बई के सभी प्राइवेट कोविड अस्पतालों के कॉर्डिनेशन कमिटी के हेड हैं और बीएमसी-महाराष्ट्र सरकार की हेल्थ मिनिस्ट्री से प्राइवेट असपतालों को लेकर कॉर्डिनेट करते है।
साथ ही महाराष्ट्र राज्य कोविड टास्क फोर्स के सदस्य भी हैं और इंफेक्शन डिसीज के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने साफ कहा है कि अभी ओमिक्रॉन को लेकर रिसर्च चल रहा है कि ये एंटी बॉडी या हर्ड इम्युनिटी को भेद सकता है या नहीं। डॉ. भंसाली ने एक बात और स्पष्ट किया है कि इस कोविड वैरिएंट से मृत्यु का आंकड़ा घातक नही होगा जैसे डेल्टा प्लस में देखा गया था।
डॉक्टर भंसाली ने ये भी कहा कि दुनिया के 34 देशों में ये वैरिएंट तेजी से फैल रहा है, जिसमें भारत भी है। लेकिन, अभी तक एक भी ओमिक्रॉन मरीज में गंभीर लक्षण या मौत देखने को नही मिला है।
डॉ. का कहना है कि ये वैरिएंट भी डेल्टा की तरह तेजी से फैल रहा है और मरीज में फ्लू,बदन दर्द,उल्टी,दस्त के लक्षण देखे जा रहे है। ओमिक्रॉन वैरिएंट उन लोगो को कितना नुकसान करेगा जिन्होंने कोविशिल्ड या कोवैक्सिन की दोनों डोज ले चुके हैं। इसे लेकर इंतजार करना पड़ेगा। लेकिन, रिसर्च में अब तक ये पता चला है कि ये दोनों टीका ओमिक्रॉन से अब तक लड़ने में कारगर ही साबित हुआ है और यही कारण है कि अब वैक्सिनेशन सेंटर्स पर लोगों की भीड़ एक बार फिर बढ़ रही है
इस नए वैरिएंट का सामना करने के लिए मुम्बई के अस्पताल खासकर प्राइवेट अस्पताल गियर-अप हो चुके हैं। वहीं, बीएमसी अस्पतालों की तैयारी भी पूरी हो गई है। मुम्बई में 34 मेजर प्राइवेट हॉस्पिटल और 73 नर्सिंग होम है। इसमें 16 हजार बेड है और 5 हजार एक्स्ट्रा बेड लगाने की तैयारी भी जारी है। इसके अलावा कई प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड भी बढ़ाये जाने शुरू हो गए हैं।