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Hindi News महाराष्ट्र 'बड' 'हैश' और 'MD'- मुंबई में NCB जांच के दौरान नशे के इन नामों की ही सबसे ज्यादा चर्चा, जानिए इनके बारे में सबकुछ

'बड' 'हैश' और 'MD'- मुंबई में NCB जांच के दौरान नशे के इन नामों की ही सबसे ज्यादा चर्चा, जानिए इनके बारे में सबकुछ

मुंबई पुलिस के पूर्व ACP शमशेर खान पठान ने बताया कि विड/मैरुआना/बड सीधी भाषा में बोले तो यह गांजा है, जिसकी कीमत करीब 25 हजार प्रति किलो है। 

what are bud, Hashish or hash and MD drugs- India TV Hindi Image Source : GOOGLE what are bud, Hashish or hash and MD drugs ।Representative Image

मुंबई। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में मादक पदार्थ के एंगल की जांच कर रहे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की जांच में रोजाना तरह-तरह के ड्रग्स के नामों की चर्चा हो रही है। मुंबई पुलिस के पूर्व ACP शमशेर खान पठान ने बताया कि विड/मैरुआना/बड सीधी भाषा में बोले तो यह गांजा है, जिसकी कीमत करीब 25 हजार प्रति किलो है। बड़े डीलर को लगभग इसी कीमत में मिलती है और फिर सब डीलर से धीरे-धीरे यह ड्रग्ज पैडलर तक पहुंचती है तब इसकी कीमत 10 गुना बढ़ जाती है।

पूर्व ACP मुंबई पुलिस पठान ने बताया कि हैश/हशीश मतलब चरस यह गांजे के पौधे के पत्ते और फूल से लिक्विड फॉर्मेट में बनाया जाता है, जिसकी कीमत बड़े डीलर तक प्रति किलो 42 से 50 हजार रुपए होती है, उसी तरह से यह भी ड्रग्ज पैडलर तक 10 गुना कीमत बढ़ जाती है। इसमें बड़े डीलर से लेकर ड्रग्ज पैडलर तक पहुंचने तक इसमें मिलावट का प्रतिशत भी बढ़ जाता है। MD ड्रग्ज तो केमिकल फॉर्मेट है जिसकी कीमत काफी कम है। 1986 में ड्रग्ज को लेकर NDPS एक्ट बना, जिसके बाद इसकी खरीद फरोख्त पर लगाम लगी।

ड्रग्ज लेने वाला एक विक्टिम होता है उसका रिहैबिलिटेशन होना जरूरी होता है। ड्रग्ज तो एक नशा है, नशा करने के आदि व्यक्ति को अलग-अलग एहसास होते है उसका शरीर एक तरह से मशीन के जैसे हो जाता है। जब यह ज्यादा हो जाता है तो वो अलग-अलग हरकत करता है, उसका दिमागी संतुलन बिगड़ जाता है।

चरस और गांजा देश में जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में मिलता है, जिसकी क्वालिटी बेहतर मानी जाती है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भी यह आता है। ड्रग्ज का इंटरनेशनल सिंडिकेट भी है उसके जरिये ब्राउन शुगर, कोकेन आता है। बॉलीवूड में पहले कोकेन और ब्राउन शुगर की ज्यादा डिमांड रही है। आजकल ड्रग्ज के कारोबार में सफेद कॉलर अभी ज्यादा आने लगे हैं, ताकि जांच एजेंसियों को शक न हो। पहले अंडर वर्ल्ड के गिने चुने लोग थे इस धंदे में अब जिन पर किसी को शक न हो ऐसे लोग हैं।