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Hindi News महाराष्ट्र वाशिम में 42 साल बाद खुला अंतरिक्ष पार्श्वनाथ मंदिर, भिड़ गए जैन समाज के दिगंबर और श्वेतांबर गुट; कई श्रद्धालु घायल

वाशिम में 42 साल बाद खुला अंतरिक्ष पार्श्वनाथ मंदिर, भिड़ गए जैन समाज के दिगंबर और श्वेतांबर गुट; कई श्रद्धालु घायल

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में शिरपुर जैन स्थित अंतरिक्ष पार्श्वनाथ जैन मंदिर के दरवाजे खोलने और भगवान पार्श्वनाथ की अतिशयकारी प्रतिमा की लेपन प्रक्रिया शुरू करने का क्रांतिकारी फैसला सुनाया था जिसके बाद इस मंदिर में दर्शन के लिए जैन समाज के दोनों पंथ के लोग दर्शन के लिए बड़ी संख्या में आ रहे थे।

अंतरिक्ष पार्श्वनाथ...- India TV Hindi Image Source : INDIA TV अंतरिक्ष पार्श्वनाथ मंदिर के बाहर शनिवार को जैन समाज के श्वेतांबर और दिगंबर संप्रदाय के लोगों के बीच मारपीट हो गई।

वाशिम (महाराष्ट्र): महाराष्ट्र के वाशिम जिले की मालेगांव तहसील के जैन-काशी कहे जाने वाला शिरपुर इन दिनों चर्चा का विषय है और वजह है जैन समाज के दोनों पंथों दिगंबर व श्वेतांबर के बीच हो रहा विवाद। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में शिरपुर जैन स्थित अंतरिक्ष पार्श्वनाथ जैन मंदिर के दरवाजे खोलने और भगवान पार्श्वनाथ की अतिशयकारी प्रतिमा की लेपन प्रक्रिया शुरू करने का क्रांतिकारी फैसला सुनाया था जिसके बाद इस मंदिर में दर्शन के लिए जैन समाज के दोनों पंथ के लोग दर्शन के लिए बड़ी संख्या में आ रहे थे। लेकिन कल शनिवार को यहां पर मांसाहार खाने वाले बाउंसर को लेकर दिगंबर जैन समाज ने विरोध दर्शाया। इसके बाद दोनों पंथ के लोगों में विवाद हो गया। इस दौरान मारपीट में दो महिलाओं समेत 4 लोग घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

1981 में मंदिर पर लगा था ताला
शिरपुर जैन में विश्व प्रसिद्ध अंतरिक्ष पार्श्वनाथ मंदिर को लेकर दिबंगर जैन और श्वेतांबर जैन संप्रदायों के बीच विवाद था। इसलिए इस मंदिर को 22 अप्रैल, 1981 को बंद कर दिया गया था। श्रद्धालुओं को एक छोटी सी खिड़की से दर्शन करने पड़ते थे। अदालती लड़ाई चल रही थी और मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा। आखिरकार 22 फरवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के कपाल खोलने और मूर्ति पर रंग लगाने का आदेश दिया।

हाथापाई पर उतरे दिगंबर और श्वेतांबर पंथ के लोग
बता दें कि अतिशय क्षेत्र अंतरिक्ष पार्श्वनाथ जैन मंदिर का मामला सर्वोच्च न्यायालय के अधीन है। कोर्ट के ताजा निर्णय से जैन समुदाय के 42 वर्ष पुराने विवाद के सुखद अंत का आशा बंधी थी लेकिन शनिवार को बाउंसर को लेकर उपजे विवाद के चलते दोनों पंथ के लोग फिर से हाथापाई पर उतरे जिसके चलते मंदिर परिसर में सुरक्षा को लेकर भारी पुलिस बल बुलाया गया।

कल हुए हंगामे की वजह क्या?
श्वेताबंर पंथ के पारस गोलेच्छा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 22 फरवरी को शिरपुर जैन स्थित भगवान पार्श्वनाथ मंदिर खोलने और मूर्ति लेप प्रक्रिया को शुरू करने का अंतरिम आदेश जारी किया था। 10 मार्च को प्रशासन ने श्वेताम्बर पंथ को मंदिर की चाबी सौंपी। उन्होंने बताया, ''शनिवार को श्वेतांबर पंथ के सुरक्षा गार्ड अपनी ड्यूटी कर रहा थे और भक्त मंदिर में दर्शन के लिए जा रहे थे, तब दिगंबर पंथ के 100 से 200 लोगों ने भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल करते हुए बहस की। उन्होंने लोहे की छड़ों से पीटा, जिसमें सूरत के 4 भक्त घायल हो गए। एक श्रद्धालु को गंभीर चोटें आई है जो अस्पताल में भर्ती है।''

वहीं, कल हुए विवाद पर दिगंबर पंथ का पक्ष भी सामने आया है। दिगबंर पंथ के संजू छाबड़ा ने बताया कि श्वेतांबर पंथ के लोगों ने यहां पर मांसाहार करने वाले बाउंसर को रखा है जिसके चलते यह विवाद हुआ।

(इमरान खान की रिपोर्ट)