A
Hindi News महाराष्ट्र Uddhav Thackeray की Shiv Sena प्रमुख की कुर्सी भी खतरे में? जानें, Arvind Sawant ने क्या कहा

Uddhav Thackeray की Shiv Sena प्रमुख की कुर्सी भी खतरे में? जानें, Arvind Sawant ने क्या कहा

Uddhav Thackeray: सियासी जानकारों का मानना है कि अब अगली लड़ाई पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न को लेकर होने वाली है।

Uddhav Thackeray, Uddhav Thackeray News, Shiv Sena, Shiv Sena News- India TV Hindi Image Source : PTI FILE Shiv Sena chief Uddhav Thackeray.

Highlights

  • उद्धव ठाकरे के सामने अब पार्टी को बचा पाना ही सबसे बड़ी चुनौती है।
  • ठाणे में पार्टी के 67 में से 66 पार्षद शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं।
  • शिंदे गुट का दावा है कि 18 लोकसभा सांसद भी उसका समर्थन कर रहे हैं।

Uddhav Thackeray: शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे के सामने अब अपनी पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न को बचाने की चुनौती है। पिछले हफ्ते महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद गंवाने वाले उद्धव के लिए अपनी पार्टी को बचाना आसान नहीं होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ठाणे नगर निगम के 67 में से 66 शिवसेना पार्षदों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट का हाथ थाम लिया है। इस बीच पार्टी के कुछ सांसदों के भी शिंदे गुट में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में उद्धव की पूरी कोशिश है कि पार्टी में और टूट को रोका जाए। 

‘उद्धव ठाकरे पार्टी प्रमुख बने रहेंगे’
इस बारे में बात करते हुए शिवसेना सांसद अरविंद सांवत ने गुरुवार को दावा किया कि अधिकतर पार्टी विधायकों के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले बागी धड़े में शामिल होने के बावजूद उद्धव ठाकरे पार्टी प्रमुख बने रहेंगे। सावंत ने एक कहा कि शिवसेना बतौर राजनीतिक दल और विधायक दल दो अलग-अलग गुट हैं और बागी धड़े के पास मान्यता नहीं है। सावंत ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि ठाकरे और शिवसेना को अलग नहीं किया जा सकता। सियासी जानकारों का मानना है कि अब अगली लड़ाई पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न को लेकर होने वाली है।

’18 में से 12 सांसद हमारे समर्थन में’
इससे पहले बागी शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटिल ने बुधवार को कहा था कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला धड़ा पार्टी के चुनाव चिह्न ‘तीर कमान’ का असली हकदार है। उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाले खेमे ने इस दावे पर विरोध दर्ज कराया है। माना जा रहा है कि दोनों गुट इस मसले पर चुनाव आयोग का रुख कर सकते हैं। पाटिल ने यह भी कहा था कि शिवसेना के 18 में से 12 सांसद भी शिंदे का समर्थन कर रहे हैं। हालांकि पार्टी का पूरा नियंत्रण पाने के लिए शिंदे गुट को शिवसेना के संगठन में भी सेंध लगानी होगी, और यह इतना आसान नहीं लग रहा।