महाराष्ट्र में एनसीपी के टूटने व अजित पवार के भाजपा व एकनाथ शिंदे के साथ जाने पर सियासी घमासान मचा हुआ है। इस बीच उद्धव ठाकरे ने कहा है कि हम देश प्रेमी लोग हैं। इसे देश प्रेमी की एकता मानता हूं। लोकशाही प्रेमी की एकता मानता हूं। स्वतंत्रता प्रेमी की एकता मानता हूं। इसमे सिर्फ नेता ही नहीं आप भी आ सकते हैं। आजादी कोई फ्री में नहीं मिली है। अग्रेजों के डेढ़ सौ साल की गुलामी के बाद बहुत लोगों ने बलिदान दिया है, तब जाकर भारत माता मुक्त हुईं। उसे स्वतंत्रता कहते हैं। इसलिए ये स्वतंत्रता बनाएं रखने के लिए विपक्ष शब्द नहीं बल्कि हमें देश प्रेमी कहो। ये आजादी टिकाए रखने के लिए देश प्रेमी साथ आ रहे हैं तो उन्हें विपक्ष मत कहो देश प्रेमी कहो।
मंत्रिमंडल विस्तार की जानकारी नहीं
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मैं तो मुख्यमंत्री नहीं हूं। ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में बोल नहीं सकता हूं। लेकिन आपके पास कोई जानकारी हो तो बताओ। लेकिन कल अरविंद सावंत मेरे साथ गाड़ी में थे तो मुझे एक फिल्म सामना की याद आ गई। सामना फिल्म में देखो किसकी बंदूक किसके कंधे पर है। वही परिस्थिति आज यहां महाराष्ट्र में है। उन्होंने कहा कि सीएम बनना मेरी कोई महत्वाकांक्षा नही थी। आगे भी कोई शिवसेना का ही सीएम बने यही मेरी इच्छा है।
चुनाव में होनी चाहिए ये व्यवस्था
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में पहले की सरकार मतपेटी से बनी थी। अबकी सरकार खोके से बनी है, क्यूंकि आप किसी को भी मतदान करो लेकिन सरकार मेरी ही आएगी। जब ऐसा होने लगेगा तो कल कोई भी जो डरा धमका सकता है या पैसे का खेल कर सकता है वो भी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बन सकता है। इसलिए मुझे लगता है कि जैसे बालासाहेब ने कहा था कि Right To Recall होना चाहिए। जैसे नोटा है या कि मेरे मतदान से चुनकर आया प्रतिनिधि कुछ गलत करता है तो उसे वापस बुलाने का अधिकार हो