Uddhav Thackeray on Sanjay Raut: शिवसेना सांसद संजय राउत को पात्रा चॉल घोटाले में राहत नहीं मिली। कोर्ट ने 4 अगस्त तक के लिए उन्हें ED की कस्टडी में भेज दिया है। वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज सोमवार को खुलकर संयज राउत का समर्थन किया। संजय राउत की गिरफ्तारी पर पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आज कहा कि उन्हें उन पर गर्व है, क्योंकि वह किसी दबाव के आगे नहीं झुके। इसके साथ ही उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह बदले की राजनीति कर रही है।
ठाकरे ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी की ओर से गिरफ्तार किए गए संजय राउत को शिवसेना संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे का कट्टर शिवसैनिक करार दिया। उन्होंने मीडिया से कहा, "मुझे संजय राउत पर गर्व है। उन्होंने कौन सा अपराध किया है? वह एक पत्रकार हैं, एक शिवसैनिक हैं, निडर हैं।" पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी बदले की राजनीति कर रही है।
उद्धव ठाकरे ने राउत के परिवार के सदस्यों से की मुलाकात
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आज मुंबई में संजय राउत के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। ठाकरे, शिवसेना सांसद अरविंद सावंत, विधायक रवींद्र वायकर और पार्टी के नेता मिलिंद नार्वेकर के साथ उपनगरीय भांडुप स्थित राउत के आवास पहुंचे। राउत को ठाकरे का करीबी माना जाता है। उद्धव ठाकरे ने आवास पर राउत की मां, पत्नी, बेटियों और परिवार के अन्य सदस्यों से मुलाकात की। उस समय उनकी मां भावुक हो गईं थीं।
ED ने 9 घंटे की पूछताछ के बाद राउत को किया गिरफ्तार
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रविवार को मुंबई की एक चॉल के पुनर्विकास में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी से पहले ED ने राउत के आवास पर करीब नौ घंटे तक छापेमारी की, जिसमें कथित तौर पर 11.5 लाख रुपये नकद जब्त किए गए। राउत ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए इसे प्रतिशोध की राजनीति करार दिया है।
कोर्ट ने राउत को 4 अगस्त तक के लिए ED कस्टडी में भेजा
वहीं, संजय राउत को आज कोर्ट की ओर से 4 अगस्त तक के लिए ED की कस्टडी में भेज दिया है। संजय राउत पर मुंबई के सेशंस कोर्ट में आज सुनवाई हुई। कोर्ट रूम नंबर 16 में संजय राउत की पेशी हुई । इस दौरान ED ने कोर्ट से संजय राउत की 8 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि संजय राउत दो समन में पेश नहीं हुए इसका मतलब यह नहीं कि उन्होंने सहयोग नहीं किया। अदालत ने कहा कि 8 दिन की कस्टडी की ज़रुरत नहीं हैं।