A
Hindi News महाराष्ट्र "...तो हम SC से न्याय की गुहार लगाएंगे", विधायकों को नोटिस के बाद स्पीकर को उद्धव ठाकरे का जवाब

"...तो हम SC से न्याय की गुहार लगाएंगे", विधायकों को नोटिस के बाद स्पीकर को उद्धव ठाकरे का जवाब

विधायकों के अयोग्यता के मुद्दे पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि अगर उस दायरे से बाहर जाकर फैसला लिया गया, तो हम सुप्रीम कोर्ट से न्याय की गुहार लगाएंगे।

उद्धव ठाकरे- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र में हुई सियासी उथल-पुथल के बीच विधायकों के अयोग्यता के मुद्दे पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्पष्ट है। विधानसभा अध्यक्ष को उसी दायरे में रहकर फैसला लेना चाहिए और अगर उस दायरे से बाहर जाकर फैसला लिया गया, तो हम सुप्रीम कोर्ट से न्याय की गुहार लगाएंगे। इससे पहले महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने सीएम एकनाथ शिंदे सहित 54 विधायकों को नोटिस जारी किया।

"7 दिनों के भीतर नोटिस का जवाब देने को कहा"

स्पीकर ने यह नोटिस दलबदल विरोधी कानून उल्लंघन के लिए प्रतिद्वंद्वी शिवसेना गुटों की दायर याचिकाओं के बाद दिया गया है। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा, "मेरे कार्यालय ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। मैंने उनसे 7 दिनों के भीतर नोटिस का जवाब देने को कहा है। ऐसा न करने पर यह माना जाएगा कि उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है। उस स्थिति में मैं एक पक्षीय आदेश पारित करूंगा।" जिन 54 विधायकों को नोटिस भेजा गया है, उसमें शिंदे गुट के 39, शिवसेना (यूबीटी) के 14 और एक अन्य का नाम शामिल है।

उद्धव ठाकरे के विदर्भ क्षेत्र के दौरे का आगाज

वहीं, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अगले साल होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से संवाद करने और उनका मनोबल बढ़ाने के लिए रविवार को महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के दो दिवसीय दौरे का आगाज किया। उद्धव ऐसे समय में यह दौरा कर रहे हैं, जब एक सप्ताह पहले एनसीपी के नेता अजित पवार और पार्टी के 8 अन्य विधायक एकनाथ शिंदे नीत महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री रविवार सुबह नागपुर पहुंचे। वह विदर्भ क्षेत्र में यवतमाल, वाशिम, अमरावती, अकोला और नागपुर के पार्टी कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों से चर्चा करेंगे।

महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद उद्धव ठाकरे ने लंबे समय तक अपनी सहयोगी रही बीजेपी से मुख्यमंत्री पद के बंटवारे के मुद्दे को लेकर गठबंधन तोड़ लिया था। इसके बाद उन्होंने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर महा विकास आघाडी (MVA) सरकार बनाई थी। हालांकि, जून 2022 में एकनाथ शिंदे की अगुवाई में विधायकों की बगावत के कारण एमवीए सरकार गिर गई थी और शिवसेना दो धड़ों में बंट गई थी। बाद में शिंदे बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बन गए थे।