महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों खूब उठा-पटक मचा हुआ है। उद्धव सरकार द्वारा आज जिला अध्यक्षों की बैठक बुलाई। इस बैठक में उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह सुपारी देकर शिवसेना को मारने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि शिवसेना का जन्म भाजपा की हथेलियों को चाटने के लिए नहीं हुआ है। अभी यह सबसे कठिन समय है। वर्तमान के हालात वैसी ही हैं जैसी शिवसेना प्रमुख के जाने के समय थी। कहा जाता था कि बालासाहेब के निधन के बाद शिवसेना नहीं चलेगी। लेकिन हम जीत गए।
उद्धव बोले- सड़कों पर वापस लड़ेंगे
उद्धव ठाकरे ने इस बैठक में आगे कहा कि अगर हम अभी नहीं जागेंगे तो साल 2024 लोकसभा चुनाव में तानाशाही सरकार आएगी। मशाल 28 तारीख तक इस चिन्ह का उपयोग कर सकते हैं। यदि चिन्ह हटा भी दिया जाता है तो मेरे दिमाग में 10 और चिन्ह है। उद्धव ठाकरे ने कहा हम अदालत में और सड़कों पर वापस लड़ेंगे। बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा धनुष तीर व शिवसेना के प्रतीक चिन्ह को एकनाथ शिंदे गुट को दे दिया गया है।
शिवेसना के कार्यालयों पर दावा
इस बीच एक खबर के मुताबिक शिंदे गुट द्वारा शिवसेना के विधानसभा कार्यालय पर कब्जा कर लिया गया है। यानी शिंदे गुट को शिवसेना का विधानसभा पार्टी ऑफिस मिल गया है। वहीं शिवसेना शिंदे के विझधायक मंत्रालय के सामने शिवालय दफ्तर पर भी कब्जा करेंगे। विधान परिषद की बैठक के बाद शिवालय पार्टी का सरकारी कार्यालय भी शिंदे गुट के निशाने पर है। चुनाव आयोग के फैसले के बाद शिवसेना के शिंदे गुट द्वारा शिवसेना के कार्यालयों पर दावा किया गया है।
क्या बोले संजय राउत
इस बीच संजय राउत ने बयान देते हुए कहा कि अमित शाह सही मायनों में महाराष्ट्र और मराठी मानुस के दुश्मन हैं। इसमें गलत क्या है। उन्होंने उस शिवसेना को तोड़ा है जिसे बालासाहेब ने मराठी मानुस को ताकत देने के लिए बनाया था। पैसों के दम पर पार्टी को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन वो भूल रहे हैं कि शिवसेना आग है।
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