Uddhav vs Shinde: शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर किसका हक होगा? इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि चुनाव आयोग के समक्ष कार्यवाही पर कोई रोक नहीं लगेगी। इसके बाद से यह तय हो गया है कि असली शिवसेना कौन सा गुट है इसका फैसला चुनाव आयोग की ओर से ही किया जाएगा। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के दोनों गुटों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है।
ज्यादातर सांसद हमारा समर्थन कर रहे हैं- शिंदे
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में शिंदे ने कहा कि उन्होंने विनम्रतापूर्वक शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत किया और दोहराया कि उनका गुट 'असली शिवसेना' है। उन्होंने कहा, "एक लोकतंत्र में बहुमत मायने रखता है और हमारे पास विधानसभा में बहुमत है, ज्यादातर सांसद हमारा समर्थन कर रहे हैं। देश में लिए गए सभी फैसले संविधान, कानूनों और प्रक्रियाओं पर आधारित हैं। हम इस फैसले की उम्मीद कर रहे थे।"
कोई राहत नहीं जैसा कि शिंदे गुट के नेताओं ने दावा किया- आदित्य
शिवसेना के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि यह कोई राहत नहीं है जैसा कि शिंदे गुट के नेताओं ने दावा किया है। ठाकरे जूनियर ने कहा, "यह किसी भी पक्ष के लिए न तो सदमा है और न ही राहत। सुप्रीम कोर्ट ने अब चुनाव आयोग से इस मामले में फैसले लेने के लिए कहा है। 'गद्दारों' को कोई जीत नहीं मिली है जैसा कि वे दावा कर रहे हैं। अब हम अपना मामला चुनाव आयोग के सामने पेश करेंगे। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।"
'अब चुनाव आयोग के सामने अपना मामला मजबूती से रखेंगे'
वहीं, सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि यह फैसला कानूनी प्रक्रियाओं का हिस्सा है, और पूरे देश ने अदालत की कार्यवाही देखी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल, शिवसेना नेताओं जैसे अनिल देसाई, पूर्व मंत्री अनिल परब और अन्य ने भी कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करते हैं और अब चुनाव आयोग के सामने अपना मामला मजबूती से रखेंगे।
असली शिवसेना के दावे पर फैसला करने से रोक लगाने पर कोर्ट का इनकार
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने आज मंगलवार को चुनाव आयोग को एकनाथ शिंदे गुट के असली शिवसेना होने के दावे पर फैसला करने से रोकने से इनकार कर दिया। जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने कहा कि उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के बीच शिवसेना में अंतर-पार्टी विवाद का फैसला करने के लिए चुनाव आयोग के समक्ष कार्यवाही पर कोई रोक नहीं होगी।