नांदेड़ में 2000 लोगों को हुई फूड पॉइजनिंग, धार्मिक कार्यक्रम में खाया था प्रसाद; डॉक्टरों के फूल गए हाथ-पैर
लोहा तहसील के मालाकोली इलाके के कोष्टेवाडी गांव में मंगलवार के रात में संत बालुमामा का धार्मिक कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम में भग्गर और साबूदाना खाने से करीब दो से तीन हजार लोगों को फूड प्वाइजनिंग हुई।
महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के एक गांव में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में खाना खाने के बाद करीब 2 हजार लोग बीमार पड़ गए। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। लोहा तहसील क्षेत्र के कोश्तवाड़ी गांव में मंगलवार को धार्मिक उपदेश का कार्यक्रम आयोजित किया गया था जहां शाम करीब 5 बजे स्थानीय लोगों के साथ आसपास के सावरगांव, पोस्टवाड़ी, रिसानगांव और मस्की गांवों के लोग भी एकत्र हुए और सभी ने भोजन किया। बुधवार तड़के लोगों को उल्टी और दस्त की शिकायत होने लगी।
शुरुआत में 150 लोगों को नांदेड़ के लोहा के उप-जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में अन्य लोगों को भी इसी तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होने लगीं जिसके बाद हजारों मरीजों को शंकरराव चव्हाण शासकीय वैद्यकीय महाविद्यायल सहित अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया। स्थिति को देखते हुए जरूरत पड़ने पर नांदेड़ के सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल में और भी बिस्तरों की व्यवस्था की गई है।
श्रद्धालुओं को होने लगी मतली और उल्टी
बता दें कि लोहा तहसील के मालाकोली इलाके के कोष्टेवाडी गांव में मंगलवार के रात में संत बालुमामा का धार्मिक कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम में भग्गर और साबूदाना खाने से करीब दो से तीन हजार लोगों को फूड प्वाइजनिंग हुई। संत बालुमामा का कल लोहा तहसील के कोष्टेवाडी गांव में एक धार्मिक कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम में कोष्टेवाडी सावरगांव, हरनवाड़ी, पेंडू, सादपुर और अन्य क्षेत्रों में श्रद्धालु पहुंचे थे जिन्हें फूड प्वाइजनिंग हुई। सभी श्रद्धालुओं को चक्कर, मतली और उल्टी होने लगी। सभी मरीजों को इलाज के लिए नांदेड़ के सरकारी अस्पताल, लोहा ग्रामीण अस्पताल सहित विभिन्न अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है और जिला अस्पताल प्रशासन के अनुसार स्थिति नियंत्रण में है।
रात 3 बजे के बाद बढ़ी मरीजों की संख्या
इलाज के दौरान सरकारी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. श्याम वाकोड़े ने बताया कि मंगलवार की रात 3 बजे के बाद मरीजों की संख्या बढ़ी तो सरकारी अस्पताल की इमरजेंसी घंटी बजा दी गई और डॉक्टर भी रात में नर्सों के साथ मिलकर मरीजों के इलाज का काम जारी है। अभी तक किसी की मौत नहीं हुई है और मरीजों ने फीडबैक दिया है कि सभी मरीजों की हालत स्थिर है। फिलहाल कोष्टवाड़ी गांव में डॉक्टरों की एक टीम पहुंची है और गांव के सभी लोगों की जांच की जा रही है।
जांच के लिए मरीजों के नमूने लिए जा चुके हैं। प्रभावित गांवों में सर्वेक्षण के लिए पांच टीम तैनात की गई हैं। अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच के लिए एक टीम का भी गठन किया है। उन्होंने बताया कि मरीजों की हालत स्थिर है और उपचार के बाद उन्हें घर भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
(रिपोर्ट- विलास आड़े)
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