महाराष्ट्र : बदलापुर यौन उत्पीड़न के आरोपी की मौत के मामले का सच आएगा सामने! जांच आयोग का गठन
बदलापुर में एक स्कूल के शौचालय के अंदर एक पुरुष कर्मचारी ने चार और पांच साल की दो बच्चियों का कथित रूप से यौन उत्पीड़न किया था।
मुंबई: महाराष्ट्र बदलापुर के स्कूल में यौन उत्पीड़न के आरोपी अक्षय शिंदे की मौत को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने अक्षय शिंदे को मारे जाने के मामले की जांच के लिए एक जांच आयोग का गठन किया है। आरोपी पुलिस की कथित गोलीबारी में मारा गया था। मंगलवार को प्रकाशित राज्य के गृह विभाग के ‘गजट’ में कहा गया है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस (सेवानिवृत्त) दिलीप भोसले की अगुवाई में एकल सदस्यीय आयोग जांच करेगा। ‘गजट’ के अनुसार, आयोग तीन महीने में अपनी रिपोर्ट जमा करेगा।
ठाणे जिले के बदलापुर में अगस्त में एक स्कूल के शौचालय के अंदर एक पुरुष कर्मचारी ने चार और पांच साल की दो बच्चियों का कथित रूप से यौन उत्पीड़न किया था। आरोपी अक्षय शिंदे को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन 23 सितंबर को कथित गोलीबारी में पुलिस ने उसे मार गिराया। ‘गजट’ के अनुसार, 23 सितंबर को ठाणे में मुंब्रा बाईपास पर अक्षय शिंदे और उसे लेकर जा रही पुलिस के बीच गोलीबारी की घटना हुई जिसके परिणामस्वरूप उसकी मौत हो गई। इस घटना के कारण और परिणाम, जांच आयोग के लिए विचारणीय विषय होंगे।
साथ ही ‘गजट’ में यह भी कहा गया है कि जांच इस बात पर भी केंद्रित होगी कि क्या कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह या संगठन घटना के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार था। जांच में यह भी पता लगाया जाएगा कि क्या स्थिति से निपटने का पुलिस का तरीका उचित था। आयोग संबंधित पहलुओं और घटनाक्रम की विस्तृत जांच करेगा। ‘गजट’ में कहा गया है कि आयोग ऐसी घटना की पुनरावृत्ति से बचने के लिए पुलिस द्वारा उठाए जाने वाले अल्पकालिक और दीर्घकालिक उपायों का सुझाव देगा।
बंबई हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह पुलिस की गोलीबारी में आरोपी अक्षय शिंदे के मारे जाने के संबंध में चिंता जताते हुए कहा था कि इस घटना को टाला जा सकता था। साथ ही हाईकोर्ट ने निष्पक्ष जांच की जरूरत पर बल दिया था। हाईकोर्ट ने गोलीबारी को अंजाम देने के तरीके पर भी सवाल उठाए थे। अदालत ने कहा कि वह पुलिस की ईमानदारी पर सवाल नहीं उठा रही है, लेकिन वह जांच में स्पष्टता के महत्व पर जोर दे रही है। अदालत ने गोलीबारी की परिस्थितियों की निष्पक्ष जांच की आवश्यकता पर भी बल दिया। (इनपुट-भाषा)