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Hindi News महाराष्ट्र महाराष्ट्र में टला बिजली संकट का खतरा, अब हड़ताल पर नहीं जाएंगे कर्मचारी, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सुलझाया मामला

महाराष्ट्र में टला बिजली संकट का खतरा, अब हड़ताल पर नहीं जाएंगे कर्मचारी, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सुलझाया मामला

फडणवीस ने कहा, ''बिजली कंपनियों का निजीकरण नहीं होगा उल्टा बिजली कंपनियों में सरकार 50 हजार करोड़ का निवेश करेगी।''

महाराष्ट्र में टला बिजली संकट का खतरा- India TV Hindi Image Source : INDIA TV महाराष्ट्र में टला बिजली संकट का खतरा

महाराष्ट्र में तीन सरकारी बिजली कंपनियों के कर्मचारियों ने तीन दिनों तक हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी थी। जिसके बाद राज्य में बिजली संकट पैदा हो सकता था। लेकिन अब खबर है कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ हुई चर्चा के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल वापस ले लिया है। फडणवीस ने कहा, ''बिजली कंपनियों का निजीकरण नहीं होगा उल्टा बिजली कंपनियों में सरकार 50 हजार करोड़ का निवेश करेगी।'' 

कंपनियों के निजीकरण का विरोध 

महाराष्ट्र की 3 सरकारी बिजली कंपनियों के हजारों कर्मचारी बिजली कंपनियों के निजीकरण के विरोध में बुधवार को 72 घंटे की हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी थी। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा महाराष्ट्र आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (MESMA) लागू किए जाने के बीच यह कदम उठाया।

क्या है हड़तालियों की प्रमुख मांग

महाराष्ट्र राज्य विद्युत विपणन कंपनी लिमिटेड (महावितरण), महाराष्ट्र राज्य विद्युत पारेषण कंपनी लिमिटेड (महापरेशन) और महाराष्ट्र राज्य विद्युत निर्माण कंपनी लिमिटेड (महानिर्मिती) राज्य सरकार के स्वामित्व वाली बिजली कंपनियां हैं। बिजली कंपनियों की 31 यूनियन की एक कार्य समिति महाराष्ट्र राज्य कर्मचारी, अधिकारी और अभियान संघर्ष समिति ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पिछले महीने आंदोलन शुरू किया था। अडाणी ग्रुप की बिजली कंपनी को ‘समानांतर वितरण लाइसेंस’ जारी नहीं करना उनकी प्रमुख मांग है। इस बिजली कंपनी ने नवंबर 2022 में मुंबई के कुछ और इलाकों में अपने कारोबार का विस्तार करने के लिए लाइसेंस मांगा था।