'यह तो ट्रेलर है, CM ने नहीं दिया मिलने का समय तो पूरी फिल्म दिखाएंगे', टोल जलाने पर मनसे का बयान
महाराष्ट्र में एमएनएस एक बार फिर टोल के मुद्दे पर आक्रामक हो गई है। पार्टी की ओर से लगातार टोल नाके को बंद करने की मांग की जा रही है। पार्टी के कार्यकर्ता आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच एक टोल बूथ में आग भी लगाई दी गई।
मुंबई: महाराष्ट्र में की राजनीति में टोल का मुद्दा फिर गरमाया हुआ है। आगामी चुनाव को देखते हुए मनसे टोल के मुद्दे पर आक्रामक हो गई है। टोल बंद करने की मांग मनसे की तरफ से लगातार जारी है, कुछ महीने पहले उद्धव ठाकरे की पार्टी ने भी इस मुद्दो को पकड़ने की कोशिश की थी और टोल के जरिए राज्य सरकार में हो रहे भ्रष्टचार का बड़ा आरोप लगाया था , लेकिन MSRDC के टोल दर में बढ़ोतरी की बात ने मनसे को फिर से इस मुद्दे पर अपनी पकड़ मजबूत करने का मौका दे दिया । जिसके बाद से लगातार पिछले 5 दिनो से मनसे के नेता और कार्यकर्ता मुंबई के 5 प्रमुख टोल में से एक मुलुंड ठाणे टॉल पर भूख हड़ताल पर बैठे, लेकिन 4 दिन तक कोई बदलाव नहीं आया तो खुद राज ठाकरे उनसे मुलाकात करने पहुंचे और समझाया की वो खुद सरकार से इस बारे में बात करेंगे ।
राज ने टोल नाकों को जलाने की धमकी दी
दूसरे दिन राज ठाकरे ने अपने घर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के दिए गए बयान पर निशाना साधा की के केवल बड़े वाणिज्यिक वाहनों से ही टोल वसूली किये जानेवाले बयान पर भड़क गए हैं। राज ने टोल नाकों को जलाने की धमकी दी है। राज ने टोल वसूली को महाराष्ट्र का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया है। उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा और शिवसेना (शिंदे) को टोल मुक्त महाराष्ट्र के साल 2014 के चुनावी वादे की याद दिलाई है।
टोल नाकों पर आंदोलन मनसे का आंदोलन
राज की चेतावनी को देखते हुए मनसे के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मुंबई के प्रवेश द्वार के टोल नाकों पर आंदोलन करते नजर आए। सोमवार को दादर स्थित अपने आवास शिवतीर्थ पर राज ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि फडणवीस का कहना है कि राज्य में दो पहिया, तीन पहिया और चार पहिया वाहनों से टोल नहीं वसूला जा रहा है। केवल बड़े वाणिज्यिक वाहनों से टोल वसूला जा रहा है। क्या फडणवीस सच कह रहे हैं? फडणवीस साफ झूठ बोल रहे हैं। राज ने कहा कि फडणवीस का कथन सच है अथवा झूठ? यह पता लगाने के लिए मनसे के कार्यकर्ता प्रत्येक टोल नाकों पर खड़े रहेंगे। मनसे के कार्यकर्ता टोल नाकों पर दो, तीन और चार पहिया वाहन चालकों से टोल वसूल नहीं करने देंगे। यदि इसका विरोध हुआ तो हम लोग टोल नाकों को जला देंगे फिर सरकार को जो कुछ भी करना होगा, वह करे। यदि सरकार कह रही है कि चार पहिया तक के वाहनों को टोल नहीं लागू है तो इसका मतलब है कि टोल वसूलने वाली कंपनियां जनता को लूट रही हैं।
राज ने कहा कि मैं अगले दो दिनों के भीतर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात करूंगा। राज ने कहा कि यदि फडणवीस के बयान में सच्चाई है तो टोल वसूली के खिलाफ आंदोलन करने वाले मनसे के लोगों पर दर्ज मामले वापस ले लिया जाए। टोल वसूली के पैसे से राज्य के कई नेताओं का जीवनयापन होता है।
टोल बूथ को आग के हवाले किया
जिसके बाद देवेंद्र फडणवीस का टोल को लेकर दिया गया बयान मनसे का निशाना साधने के लिए बड़ा हथियार बन गया है, कल मनसे कार्यकर्ताओं ने फडणवीस के बयान का वीडियो दिखाते हुए टोल पर लोगो को पैसे ना देने की अपील की, जिसको लेकर भीड़ और बढ़ गई और पुलिस ने करवाई करते हुए सबको हिरासत में लिया । और उसी दौरान मनसे कार्यकर्ताओं ने आक्रोश के तौर पर एक टोल बूथ को आग के हवाले कर दिया, गनीमत रही की कोई भी उस टोल बूथ में मौजूद नहीं था जिसके बाद पुलिस ने एक मनसे कार्यकर्ता को गिरफ्तार कर लिया । जिसके बाद मनसे ने अपने कार्यकर्ताओ से कोई भी कदम ना उठाने की अपील की है, उन्होंने मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद आगे की तैयारी करने कहा है ।
कैसे काम करता है टोल पाल्जा और इससे कैसे होती है सरकार की कमाई ?
सरकार पर आरोप है की मुंबईकरों के पैसे से मुंबई के 2 प्रमुख रास्ते ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे और वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे का रखरखाव किया जा रहा है लेकिन इन रास्तों पर जो टोल नाके मौजूद हैं उन टोल से होने वाली कमाई और हाईवे पर लगे सरकारी विज्ञापन होर्डिंग का राजस्व बीएमसी के बजाय एमएसआरडसी यानी महाराष्ट्र स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को मिल रहा है। मुंबईकरों से डबल टैक्स वसूला जा रहा है लेकिन इस टैक्स के बदले जो टोल के पैसे बीएमसी को मिलने चाहिए वह राज्य सरकार की तिजोरी में जा रहा है। आदित्य के इस आरोप के बाद बहस छिड़ गई कि आखिर मुंबई के टोल नाकों से की कमाई किसको मिलनी चाहिए और सब से अहम मुंबईकरों को टोल से मुक्ति कबतक मिलेगी।
ऐसे शुरू हुए थे मुंबई में टोल प्लाजा
एमएसआरडीसी के मैनेजिंग डायरेक्टर राधेश्याम मोपलवार ने बताया कि 90 के दशक में मुंबई में ट्रैफिक सिग्नल्स की वजह से ट्रैफिक की समस्या गंभीर हो गई थी। इस समस्या से मुंबईकरों को निजात दिलाने के लिए तत्कालीन सरकार ने माधव जोग कमेटी का गठन किया गया था। इस कमेटी ने सुझाव दिया कि मुंबई शहर में 55 फ्लायओवर्स बनाए जाएं। इसके बाद युद्ध स्तर पर फ्लायओवर्स का निर्माण किया गया। सन 1998 से 30 वर्षों के लिए मुंबई में टोल कलेक्ट करने की शुरुआत हुई।
प्रति दिन इतने करोड़ टोल कलेक्ट किया जाता है
साल 2010 में एमईपी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स लिमिटेड कंपनी को 16 वर्षों के लिए टोल का ठेका दिया गया। उसे समय करीब 2100 करोड़ रुपए इस कंपनी ने एमएसआरडी को दिए। मुंबई में प्रतिदिन करीब 1.5 करोड़ से 1.8 करोड़ रुपए टोल कलेक्ट किया जाता है। साल 2027 में इस कंपनी को दिए गए ठेके का टर्म पूरा हो जाएगा।
एमएसआरडीसी का कहना है कि मुंबई में सड़कों के रखरखाव के लिए टोल वसूला नहीं जाता है। जो फ्लाईओवर्स बनाए गए हैं उसके रखरखाव के लिए टोल वसूला जाता है। 2027 में टर्म पूरा होने के बाद एमईपी कंपनी सरकार को फ्लायओवर्स हैंड ओवर कर देगी। इसके बाद सरकार को फैसला लेना होगा की टोल शुरु रखना है या फिर नहीं। साल 2026 में टोल के 30 वर्षों का कार्यकाल खत्म हो रहा है ऐसे में उम्मीद की जा रही है का मुंबई के एंट्री पॉइंट्स पर स्थित टोल को हमेशा के लिए बंद कर दिया जाएगा।