नागपुर साइबर पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। नागपुर पुलिस ने एक बड़े अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। साइबर पुलिस ने नाबालिग सहित 4 आरोपियों को राजस्थान से गिरफ्तार किया है। यह गिरोह अधिकांश आईएएस, आईपीएस अधिकारियों के नाम के सहारे व्यापारियों, राजनेताओं को टारगेट बनाते थे। इन्होंने ठगी करने के लिए कई बड़े अधिकारियों की फर्जी आईडी बनाई थी। फर्जी आईडी के लिए असम, बंगाल राज्यों के सिम का इस्तेमाल करते थे।
फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर धोखाधड़ी
कुछ दिनों पहले इस गिरोह ने नागपुर पुलिस कमिश्नर रविंद्र कुमार सिंगल सहित आला पुलिस अधिकारियों के नाम पर फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर धोखाधड़ी की है। पकड़े गए आरोपियों में राकामुद्दीन खान शफी खान, शाकिर खान कासम खान और इन्नस खान निजरदीन खान में शामिल है।
ऐसे लिया झांसे में?
आरोपियों ने नागपुर के पुलिस कमिश्नर के नाम पर फेसबुक पर फर्जी अकाउंट बनाया। इस अकाउंट के जरिए उन लोगों ने फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी गई। पुलिस कमिश्नर फेसबुक मैसेंजर पर CP के नाम से मैसेज भेजे गए, उसमें जिक्र किया गया था कि इनके एक अधिकारी दोस्त है जो सीआईएसएफ में कार्यरत है। उनका तबादला होने वाला है कि इस वजह से घर के फर्नीचर को आज सामान बेचना है। सामान बेचने के नाम पर अलग-अलग खातों में नागपुर के यासिर ने 85,000 ट्रांसफर कर दिए, लेकिन इसके बाद में किसी भी तरह का संपर्क नहीं हो सका तब इसकी जानकारी पुलिस को दी गई।
1658 बैंक अकाउंट्स के डिटेल
नागपुर के पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंगला ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपियों के पास से लैपटॉप खंगाला गया, उसमें 1658 बैंक अकाउंट के डिटेल मिले। कई बैंकों के 36 अकाउंट की स्टेटमेंट भी मिले, जिसमें करीब 5 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है। इन लोगों ने पूरे देश में अपना जाल फैला के रखा हुआ है।
कई राज्यों तक फैला जाल
आगे कहा कि महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड सहित विभिन्न राज्यों के खातों का ब्यौरा इन आरोपियों के पास है। इससे साफ है कि इस काम के लिए आरोपियों ने अलग-अलग नाम से फर्जी अकाउंट खोल रखे हैं। अलग-अलग राज्यों से लगभग 250 लोगों को फंसाने की शिकायत सामने आ चुकी है। महाराष्ट्र में लगभग 20 शिकायत और नागपुर में 2 मामलों में इस गैंग के हाथ होने का खुलासा हुआ है।