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Hindi News महाराष्ट्र आर्मी में जाना चाहता था लड़का, लाख माफी मांगने के बाद भी ट्रैफिक पुलिस ने दर्ज किया केस, हारकर दे दी जान

आर्मी में जाना चाहता था लड़का, लाख माफी मांगने के बाद भी ट्रैफिक पुलिस ने दर्ज किया केस, हारकर दे दी जान

ठाणे के मनीष उतेकर का सपना था कि वो देश की सेवा के लिये आर्मी में भर्ती हो या पुलिस महकमे में शामिल हो। लेकिन मनीष को लगा कि ड्रंक एंड ड्राइव के एक मामले में उसका नाम दर्ज होने के बाद उसका करियर खतरे में आ सकता है, लिहाजा उसने इस डर से आत्महत्या कर ली।

thane boy committed suicide- India TV Hindi Image Source : INDIA TV ड्रंक एंड ड्राइव का मुकदमा दर्ज होने के बाद युवक ने की आत्महत्या

ठाणे: भारतीय सेना और पुलिस में भर्ती होने का सपना देखने वाले एक युवक ने ड्रंक एंड ड्राइव के एक मामले के कारण अपना करियर खत्म होने से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। ये घटना मुंबई से सटे ठाणे इलाके की है। इस मामले में आत्महत्या करने वाले मनीष उतेकर ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट लिखकर अपनी मां को भेजा था। इस सुसाइड नोट में मनीष ने कुछ ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के नाम लिखे हैं और उनपर कार्यवाही की मांग भी की है।

करियर खत्म होने के डर से की आत्महत्या 
मृतक मनीष उतेकर का सपना था कि वो देश की सेवा के लिये आर्मी में भर्ती हो या पुलिस महकमे में शामिल हो। लेकिन मनीष को लगा कि ड्रंक एंड ड्राइव के एक मामले में उसका नाम दर्ज होने के बाद उसका करियर खतरे में आ सकता है, लिहाजा उसने इस डर से आत्महत्या कर ली। ये बातें मनीष ने अपनी मां को लिखे सुसाइड नोट में बताई हैं। आत्महत्या करने से पहले मनीष ने अपनी मां के फोन पर ये सोसाइड नोट भेजा था।

"साहब ने धमकी दी- तेरा करियर बर्बाद ही करना है"
मनीष ने अपनी मां को भेजे सुसाइड नोट में जो कुछ भी लिखा है वो जानकर हर किसी का दिल रो पड़ेगा। सुसाइड नोट में मनीष ने लिखा है, मैं और मेरा दोस्त गटारी के दिन शराब पिए हुए थे। ठाणे पूर्व के कोपरी इलाके में शराब के नशे में गाड़ी चलाते समय ट्रैफिक पुलिस मोरे साहब ने हमें पकड़ा। मैं आर्मी भर्ती और पुलिस महकमे में जाने के लिये परीक्षा देने वाला विद्यार्थी हूं। जिस दिन गाड़ी पकड़ी, उस दिन हमसे कहा गया कि तुम लोग कल आओ। हम लोग दूसरे दिन गये और माफी भी मांगी और जो भी जुर्माने की रकम थी, वो भरने के लिए तैयाए थे। लेकिन पुलिस ने धमकी देते हुए ये कहा कि कोर्ट में जाना होगा। मेरे सामने कितने बाइक सवार से इन लोगो ने रिश्वत लेकर उन्हें छोड़ दिया। तीसरे दिन मैं वापस गया और माफी मांगी, मैंने कहा कि साहब जो भी जुर्माने की रक़म है वो भरने के लिए मैं तैयार हूं। अगर मैं कोर्ट जाऊंगा तो मेरा करियर खत्म हो जाएगा। लेकिन ट्रैफिक पुलिस सुधाकर और पुष्कर साहब ने धमकी देते हुए कहा कि तेरा करियर बर्बाद ही करना है।"

"ट्रैफिक पुलिस के प्रेशर के कारण आत्महत्या कर रहा हूं"
मनीष ने अपने सुसाइड नोट में आगे लिखा, "इसी डर की वजह से आज मैं आज आत्महत्या कर रहा हूं। आगे से इस तरह से और किसी का जीवन बर्बाद न हो, इसलिए और इस बात से परेशान होकर मैं आत्महत्या कर रहा हूं। आज जो स्थिति मुझ पर आई है, कल किसी और पर न आए। मैं सभी ट्रैफिक पुलिस वालों का सम्मान करता हुं, लेकिन इस तरह से और किसी के साथ पेश न आएं जिस तरह से मेरे साथ आये। मैं प्रेशर में आकर ये कदम उठा रहा हूं। इसलिए ये सब मैं लिखकर रख रहा हूं। वो गाड़ी मेरे दोस्त की है, उसमें उसकी कोई भी गलती नहीं है। सिर्फ ट्रैफिक पुलिस सुधाकर साहब और ट्रैफिक पुलिस पुष्कर साहब के प्रेशर के कारण मैं आत्महत्या कर रहा हूं।"

मृतक के परिजनों ने सीएम शिंदे से की न्याय की गुहार 
मनीष उतेकर ठाणे शहर के वागले एस्टेट इलाके में रहनेवाला था। अपने भाई की आत्महत्या से दुखी परिवार अपने मृतक भाई के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से न्याय की गुहार लगा रहा है। मृतक मनीष के बड़े भाई ने कहा कि आज मेरा छोटा भाई इस दुनिया में नहीं है। हमें इसका दुख है, लेकिन मेरी प्रसाशन से विनती है, साथ ही जिस मुख्यमंत्री को लोग अनाथों का नाथ एकनाथ कहते हैं उनसे भी विनती है कि इस मामले में सम्बंधित पुलिस अधिकारियों पर कार्यवाही की जाए और हमें न्याय मिले।

वहीं इस मामले को लेकर ठाणे के ट्राफिक डीसीपी विनय राठौर ने पूरी कार्रवाई को सही बताया और ड्रिंक एंड ड्राइव मामले की पेशी के लिए अदालत में कानूनी प्रक्रिया पूरी होने की बात कही है। साथ ही पुलिस ने मनीष के उठाये गए कदम को गलत बताया।

(रिपोर्ट- रिजवान शेख)

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