महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं और सभी सीटों पर एक ही चरण में 20 नवंबर को मतदान हुए थे। इस सीट पर ठाणे से शिवसेना यूबीटी ने राजन विचारे को चुनावी मैदान में उतारा है, तो वहीं बीजेपी ने संजय केलकर को टिकट दिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस बार यहां बीजेपी हैट्रिक लगाने में कामयाब होती है या फिर शिवसेना यूबीटी पुराना वर्चस्व हासिल करने में कामयाब रहेगी। आपको बता दें कि इस सीट पर पिछले दो बार से बीजेपी प्रत्याशी की जीत हो रही है। ऐसे में इस बार बीजेपी कैंडिडेंट की हैट्रिक पर सभी की नजरें टिकी हैं। आइए आपको बताते हैं कि इस बार के चुनाव में लोगों ने किसे ज्याद वोट दिए हैं और कौन अभी आगे चल रहा है।
ठाणे सीट का चुनावी इतिहास
ठाणे विधानसभा महाराष्ट्र की हाई प्रोफाइल सीट है और यह एक GEN सीट है। शिवसेना (यूबीटी) और बीजेपी इस निर्वाचन क्षेत्र में मुख्य दल हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में BJP के संजय केलकर ने 19,424 वोटों के अंतर से इस सीट पर जीत हासिल की थी। उन्हें 51.78 % वोट शेयर के साथ 92,298 वोट मिले थे। उन्होंने MNS के अविनाश अनंत जाधव को हराया था, जिन्हें 72,874 वोट (40.88 %) मिले थे। वहीं 2014 के विधानसभा चुनाव में संजय केलकर ने इस सीट से जीत हासिल की थी। 2014 के विधानसभा चुनाव में संजय केलकर को 38.86 % वोट शेयर के साथ 70,884 वोट मिले थे जबकि शिवसेना उम्मीदवार रविंद्र पाठक को 58,296 वोट (31.96 %) मिले। संजय केलकर ने रविंद्र पाठक को 12,588 वोटों के अंतर से हराया था।
ठाणे सीट के बारे में जानें
अनारक्षित श्रेणी में आनी वाली ठाणे विधानसभा सीट पर 2019 के आंकड़ों के मुताबिक, कुल 3 लाख 36 हजार 900 मतदाता हैं। इसमें से करीब 8 फीसदी यानी 26 हजार 952 मुस्लिम मतदाता हैं। दूसरे पायदान पर यहां एससी वोटर्स आते हैं। उनकी तादात साढ़े 16 हजार के आस-पास है। आदिवासी वोटर्स 7 हजार के आस-पास हैं। इसके अलावा यहां करीब 8 हजार पाटिल, 7 हजार के आस-पास यादव और 5 हजार के करीब क्रिश्चियन मतदाता हैं।
नतीजों पर पूरे देश की नजर
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के नतीजों पर पूरे देश की नजर है, क्योंकि राज्य में इस बार का चुनाव काफी रोचक है। सियासी दलों के अलावा पूरे देश की जनता ये देखना चाहती है कि महाराष्ट्र की जनता के मन में क्या है और वह किस पार्टी को राज्य की सत्ता में स्थापित करना चाहती है। ये देखना दिलचस्प होगा कि महाराष्ट्र में किस पार्टी को सबसे ज्यादा वोट मिलेंगे और कौन पीछे रहेगा।