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Hindi News महाराष्ट्र मुंबई के बांद्रा-वर्ली सी लिंक से कूदकर टैक्सी ड्राइवर ने की आत्महत्या, दादर पुलिस को मिला शव

मुंबई के बांद्रा-वर्ली सी लिंक से कूदकर टैक्सी ड्राइवर ने की आत्महत्या, दादर पुलिस को मिला शव

वर्ली पुलिस स्टेशन को सुबह 7:30 बजे सूचना मिली कि कूदने वाले व्यक्ति का शव दादर पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में मिला। मृतक की पहचान अल्ताफ मोहम्मद हुसैन के रूप में हुई है जो पेशे से टैक्सी ड्राइवर था।

Representative Image- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO प्रतीकात्मक तस्वीर

मुंबई के बांद्रा-वर्ली सी लिंक से कूदकर एक टैक्सी ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। यह ब्रिज सात दिन पहले ही आम लोगों के लिए खोला गया है। मुंबई पुलिस को बीती रात लगभग 1 बजे पुलिस कंट्रोल रूम में फोन आया, लेकिन घटनास्थल पर पहुंचने पर पता चला कि एक व्यक्ति ने अपनी कार सी लिंक के पास पार्क की कार से बाहर निकलकर समुद्र में कूद गया। 

रात का अंधेरा और समुद्र की ऊंची लहरों के कारण शव नहीं मिल सका। वर्ली पुलिस स्टेशन को सुबह 7:30 बजे सूचना मिली कि कूदने वाले व्यक्ति का शव दादर पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में मिला। शव को पोस्ट मार्टम लिए नायर अस्पताल भेजा गया। मृतक की पहचान अल्ताफ मोहम्मद हुसैन के रूप में हुई है जो पेशे से टैक्सी ड्राइवर था।

सात दिन पहले खुला है ब्रिज

करीब 14 हजार करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाला ‘कोस्टल रोड’ 13 सितंबर को आम लोगों के लिए खुला है। यह मोटरमार्ग बांद्रा-वर्ली ‘सी लिंक’ के साथ सीधा संपर्क प्रदान करता है, जिससे दक्षिण मुंबई और उपनगरों के बीच यात्रा का समय कम हो गया है और यातायात सुगम बना है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने ‘कोस्टल रोड’ और ‘सी लिंक’ को जोड़ने वाले मार्ग का निरीक्षण किया। इसके बाद इसे अगले दिन वाहनों के आवागमन के लिए खोला गया। ‘कोस्टल रोड’ के माध्यम से दक्षिण मुंबई से बांद्रा की ओर जाने वाले वाहन सुबह सात बजे से रात 11 बजे के बीच सीधे ‘सी लिंक’ में प्रवेश कर सकते हैं, जबकि दक्षिण की ओर जाने वाले वाहनों को ‘कोस्टल रोड’ के दोनों छोर को ‘सी लिंक’ से जुड़ने तक मौजूदा मार्ग से ही जाना होगा।

यह मार्ग पर चौथा ऐसा उद्घाटन होगा, जिसे चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित किया जा रहा है। इसका दक्षिण-पूर्वी हिस्सा वर्ली से मरीन ड्राइव तक 11 मार्च से संचालित कर दिया गया है। इससे अब वाहन चालक मरीन ड्राइव से वर्ली तक 15 मिनट से भी कम समय में पहुंच सकते हैं। महत्वाकांक्षी 10.58 किलोमीटर लंबी परियोजना का निर्माण अक्टूबर 2018 में शुरू हुआ था।