आरआर पाटिल पर अजित पवार की टिप्पणी को लेकर सुप्रिया सुले ने दिया बयान, जानें क्या कहा
बारामती सांसद ने कहा कि उन्होंने दिवंगत आरआर पाटिल की पत्नी और मां को फोन कर अजित पवार की टिप्पणी के लिए उनसे माफी मांगी है, क्योंकि इससे दिवंगत नेता के परिवार को दुख पहुंचा होगा।
बारामती सांसद और एनसीपी-एसपी नेता सुप्रिया सुले ने बुधवार को महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार की पूर्व गृह मंत्री आर. आर. पाटिल के खिलाफ की गई टिप्पणी को असंवेदनशील करार दिया। उन्होंने कहा कि इन टिप्पणियों के लिए वह दिवंगत नेता की पत्नी और मां से माफी मांगती हैं। बारामती से सांसद ने कहा कि उनके चचेरे भाई के बयान से उन्हें दुख पहुंचा है और वह बेचैन हो गई हैं। सुले ने इस मामले में उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस की भी आलोचना की।
क्या था अजित पवार का बयान?
NCP-SP प्रमुख अजित पवार ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि उनके करीबी सहयोगी आर. आर. पाटिल ने उनके खिलाफ कथित करोड़ों रुपये के सिंचाई घोटाले में जांच का आदेश देकर उनकी पीठ में छुरा घोंपा था। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी के नेता देवेंद्र फडणवीस ने 2014 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें वह फाइल दिखाई थी, जिसमें जांच का आदेश देने संबंधी पाटिल की टिप्पणी का जिक्र था। पवार ने यह टिप्पणी एनसीपी उम्मीदवार संजय काका पाटिल के लिए एक रैली को संबोधित करते हुए की। संजय काका पाटिल 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में सांगली जिले के तासगांव से दिवंगत आरआर पाटिल के बेटे रोहित के खिलाफ मैदान में हैं।
"जब आरोप लगाए गए थे, तब एनसीपी एकजुट थी"
सुप्रिया सुले ने कहा कि उन्होंने अजित पवार के बयान के बाद आर. आर. पाटिल की पत्नी, मां को फोन किया और उनसे माफी मांगी, क्योंकि इससे दिवंगत नेता के परिवार को ठेस पहुंची होगी। बारामती से सांसद ने कहा कि यह फडणवीस ही थे जिन्होंने सिंचाई परियोजना में 70,000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था और अब उन्हें जवाब देना चाहिए कि उन आरोपों का क्या हुआ। सुले ने कहा कि जब आरोप लगाए गए थे, तब एनसीपी एकजुट थी। 1999-2009 के दौरान जब महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी की गठबंधन सरकार थी तब अजित पवार जल संसाधन विकास मंत्री थे। पिछले साल अजित पवार ने शरद पवार द्वारा स्थापित पार्टी को तोड़ दिया था। सुले ने कहा कि आरआर पाटिल को आबा के नाम से जाना जाता था और उनका मानना था कि राज्य के हित में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा, "पाटिल ने सोचा होगा कि अजित दादा का आरोपों से कोई लेना-देना नहीं है और वह यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि अजित बेदाग निकलें।" (भाषा)
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