मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने भगोड़े बिजनेसमैन विजय माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट (Non Bailable Warrant) जारी किया है। मुंबई की स्पेशल कोर्ट, जो सीबीआई के मामलों को देखती है। उसने भगोड़े बिजनेसमैन विजय माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। माल्या के खिलाफ यह वारंट 180 करोड़ के बकाया लोन को ना भरने को लेकर जारी हुआ है।
सीबीआई के आवेदन पर दिया गया ये आदेश
इस मामले में विशेष न्यायाधीश एसपी नाइक निंबालकर ने राय दी कि माल्या की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए उनके खिलाफ एक ओपन-एंडेड गैर जमानती वारंट जारी करना आवश्यक था। यह आदेश सीबीआई के एक आवेदन पर पारित किया गया है।
2007 से 2012 के बीच का है मामला
सीबीआई ने कार्ट के सामने यह तर्क दिया कि 2007 और 2012 के बीच विजय माल्या ने जानबूझकर लोन के भुगतान में चूक की है। इसके परिणामस्वरूप सरकारों द्वारा संचालित इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) को 180 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
38.30 करोड़ रुपये का अलग से हुआ नुकसान
आरोपपत्र में दावा किया गया है कि माल्या ने बेईमानी और धोखाधड़ी के इरादे से लोन का भुगतान जानबूझकर पूरा नहीं किया है। लोन पर चूक के कारण 141.91 करोड़ रुपये का गलत नुकसान पहुंचाया गया है। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि लोन को शेयरों में परिवर्तित करने से 38.30 करोड़ रुपये का अलग से नुकसान हुआ है।
2016 में देश छोड़कर भागे थे विज्य माल्या
मालूम हो कि इसके पहले भी भगोड़े बिजनेसमैन विजय माल्या पर कई वारंट जारी हो चुके हैं। विजय माल्या को जनवरी 2019 में पीएमएलए के तहत मामलों के लिए एक विशेष अदालत द्वारा भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था। कई लोनों को न चुकाने और धन शोधन के आरोपी विजय माल्या मार्च 2016 में ही भारत छोड़कर चले गए थे।