पुणे: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत गुरुवार को पुणे में आयोजित एक समारोह में शामिल हुए। यहां उन्होंने मणिपुर के हालातों को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि मणिपुर में हालात कठिन हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मणिपुर में सुरक्षा का कोई भरोसा नहीं है। वहां पर स्थानीय लोग अपनी सुरक्षा को लेकर भी संकित हैं। उन्होंने कहा कि संघ के कार्यकर्ता दोनों गुटों की मदद करने और माहौल को समान्य करने की कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कल पुणे में एक निजी कार्यक्रम के दौरान ये बातें कहीं।
मणिपुर के हालात ठीक नहीं
दरअसल, पुणे के कार्यक्रम में बोलते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा कि मणिपुर में परिस्थितियां कठिन बनी हुई हैं। स्थानीय लोग अपनी सुरक्षा को लेकर सशंकित हैं। वहां कारोबार या सामाजिक सेवा के लिए गए लोगों के लिए माहौल अधिक चुनौतीपूर्ण है। इन सब के बावजूद संघ के कार्यकर्ता दोनों गुटों की मदद और माहौल सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं। मोहन भागवत ने आगे कहा कि ना ही वह वहां से भागे हैं और ना ही हाथ पर हाथ रख कर बैठे रहे। इसके विपरीत वह जनजीवन सामान्य करने, गुस्सा कम करने और राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ाने का काम कर रहे हैं। इसका नतीजा है कि वह स्थानीय लोगों का भरोसा जीतने में सफल रहे।
हमारे मन जो भारत है, उसमें अभी समय लगेगा
कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत ने कहा कि अपने मन में भारत के लिए जो उर्जित अवस्था है, उसको आने में अभी भी समय है। अभी भी एक-दो पीढ़ियों को सतत काम करना पड़ेगा तब वह दिन आएगा। उन्होंने कहा कि भारत का उत्कर्ष जिसको अच्छा नहीं लगता, वह शक्ति बाधा उत्पन्न करेगी ही, क्योंकि भारत का उत्कर्ष हो जाएगा तो उनकी शक्ति समाप्त हो जाएगी। आज की जो पीढ़ी है उसके आगे की दो पीढ़ियों को कम करना होगा। काम करेंगे तो विरोध भी होगा, यह विरोधी भी अपने ही है।
यह भी पढ़ें-
लंच में नॉनवेज लाने पर बच्चे का काटा नाम, प्रिंसिपल ने मां से भी की अभद्रता; BSA ने दिए जांच के आदेश
BJP ने काटा टिकट, फूट-फूटकर रोए पूर्व विधायक शशिरंजन परमार; सामने आया Video