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Hindi News महाराष्ट्र सामना में NCP नेताओं पर किया गया कटाक्ष, लिखा- धरने पर बैठे कई लोगों का एक पैर भाजपा में..

सामना में NCP नेताओं पर किया गया कटाक्ष, लिखा- धरने पर बैठे कई लोगों का एक पैर भाजपा में..

गुरुवार को सामना के प्रकाशित एक अंक में कुछ ऐसा लिखा गया जो चौंकाने वाला है। इस अंक में लिखा गया- शरद पवार के इस्तीफे के फैसले के बाद जो रो रहे हैं, उनका एक पैर भारतीय जनता पार्टी में है और दूसरा पैर एनसीपी में है।

shivsena ubt mouthpiece saamna remark on NCP Leaders in his editorials said Many leaders one foot in- India TV Hindi Image Source : PTI सामना में NCP नेताओं पर किया गया कटाक्ष

महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी गठबंधन में काफी कुछ ठीक नहीं चल रहा है। महाराष्ट्र की राजनीति में हो रहे उठापटक इसकी गवाही दे रहे हैं। इस बीच शिवसेना (यूबीटी) ने अपने मुखपत्र सामना में एनसीपी नेताओं पर कटाक्ष किया है। गुरुवार को सामना के प्रकाशित एक अंक में कुछ ऐसा लिखा गया जो चौंकाने वाला है। इस अंक में लिखा गया- शरद पवार के इस्तीफे के फैसले के बाद जो रो रहे हैं, उनका एक पैर भारतीय जनता पार्टी में है और दूसरा पैर एनसीपी में है। संपादकीय में कहा गया कि एनसीपी में कई ऐसे हैं जो धरने पर बैठे हैं और अपने पद से हटने की घोषणा कर पवार ने सबको बेनकाब कर दिया है। 

सामना में एनसीपी नेताओं पर कटाक्ष

सामना में प्रकाशित संपादकीय में बताया गया कि अगर शरद पवार ने पार्टी को विभाजित होने से देखने के बजाय पार्टी को छोड़ने का फैसला किया तो इसमें गलत क्या है। जब पवार ने पार्टी से इस्तीफा दिया तो कई लोग रोए। लेकिन इन रोने वाले लोगों में कईयों के एक पैर भाजपा और दूसरा पैर एनसीपी में है। इस लेख के मुताबिक शरद पवार के भतीज अजीत पवार का अंतिम लक्ष्य मुख्यमंत्री बनना है। शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले दिल्ली में हैं और वहां उनकी अच्छी उपस्थिति है। वह संसद में कुशलता से काम कर रही है। लेकिन अगर उन्हें पार्टी की कमान मिलती है तो उन्हें अपने पिता जितनी ऊंचाई हासिल करने के लिए प्रयास करना होगा। 

मीटिंग के बाद फैसला लेंगे शरद पवार

गौरतलब है कि शरद पवार द्वारा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के बाद लगातार एनसीपी के नेता और कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और नारेबाजी कर रहे हैं। इस मामले में शरद पवार ने कहा कि ये बात सच है कि ऐसे फैसले लेते वक्त सहकारियों से चर्चा करने की जरूरत होती है। मैन इस बारे में सोचा भी था। लेकिन मुझे पता था कि अगर मैं आप लोगों से चर्चा करता तो आप लोग मुझे निश्चित तौर पर ये फैसला लेने नहीं देते। लेकिन आप लोगों से चर्चा करने के बाद मुझे निर्णय लेना चाहिए था, जो मैने नहीं किया लेकिन उस फैसले के पीछे का क्या उद्देश्य था वो मैंने अभी आप लोगो को बताया। अब ये जो फैसला लिया है। उस संदर्भ में चर्चा करने के लिए महाराष्ट्र के बाहर से भी आप के जैसे कई सहकारी आए हैं। उनसे बात करके एक से दो दिन में निर्णय लिया जाएगा। कल शाम तक मेरी उनसे चर्चा होगी।