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Hindi News महाराष्ट्र किसे 'बर्फ की सिल्ली' में सुलाएंगे आदित्य ठाकरे? विरोधियों पर जमकर भड़के, कहा- 'बनने वाली है हमारी सरकार'

किसे 'बर्फ की सिल्ली' में सुलाएंगे आदित्य ठाकरे? विरोधियों पर जमकर भड़के, कहा- 'बनने वाली है हमारी सरकार'

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा के चुनाव हैं। वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी। चुनाव को लेकर नेताओं में बयानबाजी तेज है। आदित्य ठाकरे ने खुले तौर पर धमकी दी हुई है।

शिवसेना (UBT) के नेता उद्धव ठाकरे- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO शिवसेना (UBT) के नेता उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर नेताओं की बयानबाजी तेज है। सभी दलों के नेता एक-दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं। शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि चुनाव के दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं को धमकाने वालों को 'बर्फ की सिल्ली पर सुलाया' जाएगा।

योगेश कदम को बताया गद्दार

महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्र दपोली में बात करते हुए उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेता रामदास कदम और उनके बेटे व स्थानीय विधायक योगेश कदम को गद्दार करार दिया। 

सरकार बनने वाली है- आदित्य ठाकरे

महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे 20 नवंबर को होने वाले चुनाव से पहले दापोली में एक रैली में बोल रहे थे। आदित्य ठाकरे ने कहा, 'यह मेरी जिम्मेदारी है कि जो कोई भी आपको (शिवसेना यूबीटी कार्यकर्ताओं को) धमकाएगा, उसे बर्फ की सिल्ली पर सुलाऊं। हमारी सरकार बनने वाली है।'

ठाकरे के बयान पर रामदास कदम का पलटवार

विधान परिषद में पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामदास कदम ने आदित्य ठाकरे के बयान पर पलटवार किया है। रामदास कदम ने कहा कि जब वे एक ही पार्टी (अविभाजित शिवसेना) में थे तो उनका बेटा आदित्य ठाकरे का दोस्त था, लेकिन बाद में आदित्य ने दापोली में उनके करीबी लोगों को निष्कासित कर दिया। 

आदित्य ठाकरे ने छीना था उनका मंत्रालय

रामदास कदम ने दावा किया कि स्थानीय विधायक होने के बावजूद योगेश को दापोली नगर परिषद चुनावों के दौरान दरकिनार कर दिया गया। रामदास कदम ने कहा कि आदित्य ठाकरे ही गद्दार थे क्योंकि उन्होंने उनका मंत्रालय छीन लिया था। 

कौन हैं रामदास कदम?

रामदास कदम देवेन्द्र फडणवीस सरकार में पर्यावरण मंत्री थे, लेकिन उन्हें बाद में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार में जगह नहीं मिली थी। आदित्य अपने पिता की सरकार में पर्यावरण मंत्री थे। साल 2022 में शिवसेना के विभाजन के बाद कदम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट के साथ चले गए थे। 

भाषा के इनपुट के साथ