मुंबई: तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए शिवसेना ने शनिवार को कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी को राष्ट्रीय राजनीति से अलग रखकर और इसके बगैर संप्रग के समानांतर विपक्षी गठबंधन बनाना सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और ‘फासीवादी’ ताकतों को मजबूत करने के समान है। शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में कहा कि जो लोग कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की सरकार नहीं चाहते हैं उन्हें अपना रुख सार्वजनिक करना चाहिए, न कि पीठ पीछे बातें करके भ्रम पैदा करना चाहिए।
तृणमूल ने कांग्रेस पर साधा था निशाना
पार्टी के मुखपत्र में कहा गया है कि जो लोग बीजेपी से लड़ रहे हैं, अगर उनका भी मानना है कि कांग्रेस का अस्तित्व खत्म हो जाना चाहिए तो यह रुख ‘सबसे बड़ा खतरा’ है। इसने कहा कि अगर विपक्षी दलों में एकता नहीं होगी तो बीजेपी का राजनीतिक विकल्प बनाने की बात बंद कर देनी चाहिए। ममता बनर्जी के हाल में मुंबई दौरे के परिप्रेक्ष्य में शिवसेना ने यह टिप्पणी की है। इस दौरे में उन्होंने बयान दिया था कि ‘अब यूपीए नहीं है।’ तृणमूल कांग्रेस के मुखपत्र ‘जागो बांगला’ ने शुक्रवार को कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि यह ‘डीप फ्रीजर’ में चली गई है।
‘ममता के दौरे के बाद विपक्षी दल हरकत में’
‘जागो बांगला’ ने हाल में दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ममता बनर्जी चेहरा बनकर उभरी हैं, न कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी। शिवसेना ने कहा, ‘ममता बनर्जी के मुंबई दौरे के बाद विपक्षी दल हरकत में आ गए हैं। भारतीय जनता पार्टी का मजबूत विकल्प बनाने पर सहमति बनी है, लेकिन इस पर चर्चा हो रही है कि किसे गठबंधन में साथ लिया जाए और किसे इससे दूर रखा जाए। लेकिन अगर सहमति नहीं है, तो किसी को भी भाजपा से मुकाबला करने की बात नहीं करनी चाहिए। नेतृत्व मुख्य मुद्दा नहीं है, लेकिन कम से कम साथ आने पर निर्णय किया जाना चाहिए।’
‘कांग्रेस के बारे में बुरा सोचने वाले सबसे बड़ा खतरा’
शिवसेना ने कहा, ‘अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस को हराने के लिए काम करते हैं तो कोई भी इसे समझ सकता है, क्योंकि यह उनके एजेंडा का हिस्सा है। लेकिन जो लोग मोदी और बीजेपी के खिलाफ हैं और कांग्रेस के बारे में बुरा सोचते हैं तो यह सबसे बड़ा खतरा है।’