मुंबई। महाराष्ट्र में अब अजान पर राजनीति तेज हो गई है, शिवसेना नेता ने मुस्लिम समाज को अजान पर प्रतिस्पर्धा का आयोजन कराने का सुझाव दिया था और अब इसपर भारतीय जनता पार्टी ने शिवसेना का विरोध करना शुरू कर दिया है। भाजपा नेता किरीट सोमैया और अतुल भातलकर ने कहा है कि बालासाहब ठाकरे द्वारा स्थापित जिस पार्टी को सड़क पर नमाज पढ़े जाने पर ऐतराज था उसे अजान से ऐसा प्रेम कैसे हो गया। भाजपा नेताओं ने कहा कि अब शिवसेना को भगवा रंग की जगह हरे रंग से लगाव हो गया है और यह दोगली शिवसेना है। भाजपा नेताओं ने कहा कि अब शिवसेना भगवा रंग छोड़कर हरे रंग को अपना रही है।
शिवसेना के दक्षिण मुंबई विभाग प्रमुख पांडुरंग सपकाल ने कहा कि अजान सिर्फ पांच मिनट की होती है लेकिन ये काफ़ी महत्वपूर्ण है, उन्होंने अजान की खासियत का बखान करते हुए भगवद् गीता पाठ प्रतिस्पर्धा की तर्ज पर अजान की प्रतिस्पर्धा कराने की बात कही है। पांडुरंग सपकाल ने कहा कि मैंने मुस्लिम बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए मुंबई के एक एनजीओ- "माई फाउंडेशन"- को अजान प्रतिस्पर्धा कराने पर विचार करने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा, 'मैं मरीन लाइन पर बड़ा कब्रिस्तान के पास रहता हूं... रोज अजान सुनता हूं... यह बड़ा ही अद्भुत और मनमोहक होता है। जो भी एकबार सुनता है, दूसरी बार के लिए उत्सुकता से इंतजार करता है। इसी से अजान प्रतिस्पर्धा का विचार आया।'
वहीं दूसरी ओर महाविकास अघाड़ी के घटक दल राकांपा और कांग्रेस ने पांडुरंग की बातों का समर्थन किया है। राकांपा प्रवक्ता और सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि भगवद् गीता के लिए तो ऐसी प्रतिस्पर्धा महाराष्ट्र में कई जगहों पर पहले से होती रही है और उसमें मुस्लिम लड़कियां भी पुरस्कार जीतती रही हैं। फिर अजान की प्रतिस्पर्धा में क्या गलत है? कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सांवत ने भी कहा है कि जिनके दिलों में नफरत है, वे कभी भी इंसान और भगवान के बीच संवाद को समझ नहीं सकते। यह एक अच्छी पहल है तथा इसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए