शरद पवार ने दी उद्धव को नसीहत-छोड़ो भी तीर-धनुष, अब जो भी मिले उसे स्वीकार कर लो
महाराष्ट्र में मचे राजनीतिक बवाल के बीच एनसीपी चीफ शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को नसीहत दी है और कहा है कि पार्टी या चुनाव चिह्न से क्या होता है, जो मिल रहा है उसे स्वीकार कर लो।
Maharashtra Politics: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को शिंदे गुट को शिवसेना का पार्टी सिंबल "धनुष और तीर" दिए जाने के बाद नाराज उद्धव ठाकरे को नसीहत देते हुए कहा है कि इससे क्या फर्क पड़ता है। जो भी आपको नया सिंबल मिलेगा उसे स्वीकार कर लीजिए, लोग नए प्रतीक को स्वीकार करेंगे। शरद पवार की टिप्पणी भारत के चुनाव आयोग (ECI) के आदेश के बाद आई है कि पार्टी का नाम "शिवसेना" और पार्टी का प्रतीक "धनुष और तीर" एकनाथ शिंदे गुट को दिया जाएगा।
एनसीपी प्रमुख ने ठाकरे से चुनाव आयोग के फैसले को स्वीकार करने और नया सिंबल लेने को कहा है। उन्होंने कहा, "यह चुनाव आयोग का फैसला है। एक बार फैसला हो जाने के बाद कोई चर्चा नहीं हो सकती। इसे स्वीकार कर लें और नया चुनाव चिह्न ले लें। पुराने चुनाव चिह्न तीर-धनुष के चले जाने का कोई बड़ा असर नहीं होने वाला है क्योंकि लोग इसे स्वीकार कर लेंगे। नया चुनाव चिह्न मिलने के बाद वह अगले 15-30 दिनों तक यह चर्चा में बना रहेगा और फिर लोग उसे अपना लेंगे, फर्क बस इतना ही होगा।'
कांग्रेस का भी बदला था पार्टी सिंबल
शरद पवार ने पुरानी बात याद दिलाते हुए कहा कि "मुझे याद है कि इंदिरा गांधी को भी इस स्थिति का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस के पास 'जुए के साथ दो बैल' का प्रतीक हुआ करता था। बाद में उन्होंने इसे खो दिया और 'हाथ' को एक नए प्रतीक के रूप में अपनाया और लोगों ने इसे स्वीकार कर लिया। इसी तरह, लोग उद्धव ठाकरे गुट के नए प्रतीक को स्वीकार करेंगे।”
बता दें कि शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट को एक बड़ा झटका देते हुए, भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नाम "शिवसेना" और चुनाव चिह्न "धनुष और तीर" आवंटित किया है जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने कड़ी आपत्ति जताई है। शिंदे गुट ने असली शिवसेना के रूप में मान्यता दिए जाने के फैसले का स्वागत किया, वहीं उद्धव ठाकरे गुट ने कहा कि वे इस मामले को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।
ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग पर लगाया बड़ा आरोप
एकनाथ शिंदे गुट ने चुनाव आयोग के आदेश के बाद नासिक में जमकर पटाखे फोड़े और जश्न मनाया, तो वहीं उद्धव ठाकरे के धड़े ने चुनाव आयोग पर जल्दबाजी का आरोप लगाया और कहा कि यह फैसला दिखाता है कि ''यह बीजेपी एजेंट के रूप में काम करता है. पोल पैनल के फैसले को "लोकतंत्र की हत्या" बताते हुए, उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
उद्धव ठाकरे ने कहा "उन्हें पहले बालासाहेब को समझना चाहिए। उन्हें पता चल गया है कि 'मोदी का चेहरा अब महाराष्ट्र में लोगों को आकर्षित नहीं करता है, इसलिए उन्हें अपने फायदे के लिए बालासाहेब का मुखौटा अपने चेहरे पर लगाना होगा। मैंने कहा था कि चुनाव आयोग को आयोग के समक्ष निर्णय नहीं देना चाहिए। अगर विधायकों और सांसदों की संख्या के आधार पर पार्टी का अस्तित्व तय होता है, तो कोई भी पूंजीपति विधायक, सांसद को खरीद सकता है और सीएम बन सकता है, "
उन्होंने कहा कि उनके पास लोगों का समर्थन है और वह उनके पास जाएंगे। ठाकरे ने कहा, "हम चुनाव आयोग के इस आदेश के खिलाफ निश्चित रूप से सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। हमें यकीन है कि सुप्रीम कोर्ट इस आदेश को रद्द कर देगा।"
शिवसेना का गठन उद्धव ठाकरे के पिता बालासाहेब ठाकरे ने किया था।