कहते हैं कि जब ऊपर वाला देता है तो छप्पर फाड़कर देता है। लेकिन जब इंसान ही ऊपर वाले को देने पर आता है तो छप्पर तक नोटों से भर देता है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि शिरडी के साईंबाबा मंदिर में धनवर्षा हुई है। शिरडी साईं के दर पर श्रद्धालुओं ने दिल और जेब खोलकर दान दिया है। खबर है कि शिरडी के साईंबाबा के मंदिर में 400 करोड़ से ज्यादा का दान आया है।
168 करोड़ रुपये सीधे कैश में आए
बताया जा रहा है कि शिरडी साईं के मंदिर में 400 करोड़ से अधिक का जो चढ़ावा आया है उसमें 167 करोड़ 77 लाख 1 हजार 27 रुपये सीधे कैश में आए हैं। डोनेशन काउंटर पर कटवाई जाने वाली रसीदों से 74 करोड़ 3 लाख 26 हजार 464 रुपये आए हैं। वहीं ऑनलाइन पेमेंट, मनी ऑर्डर, चेक आदि से 144 करोड़ 45 लाख 22 हजार 497 रुपये की राशि चढ़ावे के रूप में आई है। इसके अलावा सोने, चांदी आदि के आभूषणों की कीमत भी कुल चढ़ावे में शामिल है।
175 करोड़ रुपये के आयकर भुगतान से मिली छूट
पिछले महीने ही शिरडी के श्री साईंबाबा मंदिर ट्रस्ट को पिछले तीन साल में लगाए गए 175 करोड़ रुपये के आयकर भुगतान से छूट दी गई है। एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह छूट दी गई है। विज्ञप्ति के अनुसार, “साल 2015-16 के कर का आकलन करते हुए आयकर विभाग को पता चला कि श्री साईंबाबा संस्थान धार्मिक ट्रस्ट नहीं बल्कि एक धर्मार्थ ट्रस्ट है। इस आधार पर दान पेटी में प्राप्त दान पर 30 प्रतिशत आयकर लगाते हुए 183 करोड़ रुपये का कर भुगतान नोटिस जारी किया गया।” इसके बाद ट्रस्ट ने उच्चतम न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की, जिसने “कर के निर्धारण तक देय कर पर रोक लगाने का आदेश दिया।” आयकर विभाग ने आखिरकार श्री साईंबाबा संस्थान को एक धार्मिक व धर्मार्थ ट्रस्ट के रूप में स्वीकार करते हुए दान पेटी में दान पर लगने वाले कर से छूट दे दी। इस तरह, श्री साईंबाबा संस्थान को पिछले तीन साल में लगाए गए 175 करोड़ रुपये के आयकर से छूट दी गई है।