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Hindi News महाराष्ट्र महाराष्ट्र चुनाव से पहले शरद पवार का बड़ा बयान, 'NCP से कोई मुख्यमंत्री नहीं बनेगा, मैं भी रेस में नहीं'

महाराष्ट्र चुनाव से पहले शरद पवार का बड़ा बयान, 'NCP से कोई मुख्यमंत्री नहीं बनेगा, मैं भी रेस में नहीं'

शरद पवार ने शुक्रवार को साफ कर दिया कि उनकी पार्टी से कोई भी नेता मुख्यमंत्री नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि वे खुद भी अब मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। शरद ने यह बात पुणे में कही।

शरद पवार- India TV Hindi Image Source : INDIA TV शरद पवार

पुणेः महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शरद पवार ने महा विकास अघाड़ी में मुख्यमंत्री पद को लेकर बड़ा बयान दिया है। पुणे में एनसीपी (शरद पवार) के नेता शरद पवार ने उद्धव ठाकरे और संजय राउत की मांग पर कहा कि उनकी पार्टी एनसीपी से कोई मुख्यमंत्री नहीं बनेगा और मैं ख़ुद भी मुख्यमंत्री नहीं बनूंगा। शरद पवार ने कहा कि राज्य में सत्ता परिवर्तन करना ही पहला लक्ष्य है। मुख्यमंत्री कौन होगा। कौन नहीं होगा ये सवाल अभी खड़ा करना उचित नहीं है। 

मेरी पार्टी में कोई मुख्यमंत्री पद को लेकर इच्छुक नहीं- पवार

शरद पवार ने कहा कि मेरी पार्टी में कोई मुख्यमंत्री पद को लेकर इच्छुक नहीं है। न ही हम किसी का चेहरा प्रोजेक्ट करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि राज्य में सत्ता परिवर्तन हो। हम जनता के भलाई के लिए अच्छी सरकार देना चाहते हैं। सत्ता परिवर्तन करना हमारी पहली प्राथमिकता है। अभी मुख्यमंत्री कौन होगा कौन नहीं सवाल खड़े करने का कोई मतलब नहीं है। हमारे में से तो कोई नहीं होगा मैं तो बिलकुल नहीं रहूंगा। जनता सत्ता परिवर्तन करना चाहती है और उसी पर हमें ध्यान केंद्रित करना है।

अक्टूबर-नवंबर में हो सकते हैं चुनाव

288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने की संभावना है। इसके लिए सभी पार्टियां अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। अभी हाल में ही उद्धव ठाकने कहा था कि अगर कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी के पास कोई सीएम का चेहरा है तो बताएं मैं उनका समर्थन करुंगा। शरद पवार का यह बयान उद्धव के इसी बयान के बाद आया है।

लोकसभा चुनाव में किया था दमदार प्रदर्शन

बता दें कि शरद पवार की एनसीपी विपक्षी ब्लॉक महा विकास अघाड़ी (एमवीए) का हिस्सा है, जिसमें उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस भी शामिल हैं। इस गठबंधन ने राज्य में 48 सीटों में से 30 सीटें जीतकर लोकसभा चुनावों में प्रभावशाली प्रदर्शन किया। भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को केवल 17 सीटों से ही संतोष करना पड़ा।