महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर शरद पवार का बड़ा बयान, वोटिंग को लेकर कही ये बात
Maharashtra Assembly Election 2024 : बारामती शहर में वोट डालने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान पवार ने कहा कि विधानसभा चुनाव महाराष्ट्र का भविष्य तय करेंगे।
मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लिए वोटिंग के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शप) के प्रमुख शरद पवार का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव महाराष्ट्र का भविष्य तय करेंगे। उन्होंने महाराष्ट्र के लोगों से अपने मताधिकार का प्रयोग करने की अपील करते हुए यह बात कही। पुणे जिले के बारामती शहर में वोट डालने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान पवार ने कहा कि सभी मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा, "यह चुनाव अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह महाराष्ट्र का भविष्य तय करेगा। मैं सभी नागरिकों से अपील करता हूं कि वे घरों से बाहर निकलें और मतदान करें।"
यह अच्छी बात नहीं
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, "यह अच्छी बात नहीं है कि महाराष्ट्र में मतदान प्रतिशत पूर्वोत्तर के छोटे राज्यों से कम है।" उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को नाना पटोले और सुप्रिया सुले के कथित 'वॉयस नोट' के साथ आरोप लगाया था कि राज्य विधानसभा चुनावों को प्रभावित करने के लिए 'बिटकॉइन' को भुनाने का प्रयास किया जा रहा है। भाजपा ने दावा किया था कि इससे स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने पर गंभीर सवाल खड़ा होता है। सुले ने आरोपों का खंडन किया है।
एमवीए को मिलेगा बहुमत
शरद पवार ने यह भी कहा कि उनकी बेटी और लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले तथा कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले के खिलाफ भाजपा के आरोप ध्यान देने लायक नहीं हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "आरोप लगाने वाला व्यक्ति जेल में है। यह दिखाता है कि भाजपा कितनी गिर गई है।" चुनाव परिणामों को लेकर अपने आकलन के बारे में पूछे गए सवाल पर शरद पवार ने कहा कि एमवीए को बहुमत मिलना चाहिए।
बारामती में 18 नवंबर को राकांपा नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की रैली के दौरान उनकी मां का पत्र पढ़ा गया जिसमें कहा गया था कि उनके साथ अन्याय हुआ है। इस बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने बुधवार को आश्चर्य जताया कि कोई ऐसा कैसे कह सकता है, क्योंकि वह (अजित पवार) सत्ता में हैं और उपमुख्यमंत्री हैं। पिछले साल, अजित पवार और कई अन्य विधायक राज्य सरकार में शामिल हो गए थे जिससे उनके चाचा शरद पवार द्वारा गठित राकांपा में विभाजन हो गया था। (इनपुट-भाषा)