Sharad Pawar praises Devendra Fadnavis: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार ने महाराष्ट्र के नवनियुक्त उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तारीफ की है। पवार ने कहा है कि जब पार्टी के निर्देशों का पालन करने की बात आती है तो फडणवीस ने एक मिसाल कायम की है। पवार ने हालांकि यह भी कहा कि फडणवीस उपमुख्यमंत्री बनकर खुश नहीं थे और यह बात उनके चेहरे से ही पता चल रही थी। बता दें कि शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली जबकि देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने।
‘देवेंद्र के चेहरे से पता चल रहा था कि... ’
NCP सुप्रीमो पवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, ‘देवेंद्र के चेहरे से ही पता चल रहा था कि वह उपमुख्यमंत्री पद से खुश नहीं हैं, लेकिन बीजेपी में वरिष्ठों के आदेश को नजरअंदाज नही किया जाता। पार्टी के निर्देशों के पालन की बात करें तो फडणवीस ने मिसाल कायम की है। हालांकि उनका चेहरा बता रहा था कि वह सेकंड पोजिशन के खुश नहीं हैं। मुझे बताने की भी जरूरत नहीं है कि वह खुश हैं या नाराज। वह नागपुर के जिस माहौल में बड़े हुए हैं, उसी के संस्कार हैं कि उन्होंने यह पद स्वीकार कर लिया।’
महाराष्ट्र का ट्विस्ट देखकर दंग रह गए लोग
इससे पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जब घोषणा की कि शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री होंगे, तो कई लोग इस राजनीतिक पैंतरेबाजी को देख दंग रह गए क्योंकि उनका तीसरी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होना तय माना जा रहा था। फडणवीस ने मुख्यमंत्री के रूप में शिंदे के नाम का ऐलान करते हुए कहा कि वह सरकार को बाहर से मदद करेंगे लेकिन यह साफ नहीं है कि बीजेपी हाईकमान ने फडणवीस को नए मंत्रालय में शामिल होने के लिए क्यों कहा।
5 साल पूरा करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी सीएम
फडणवीस 2014-19 के बीच मुख्यमंत्री के रूप में 5 साल का कार्यकाल पूरा करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी नेता थे। इसके साथ ही वह 2019 में बतौर मुख्यमंत्री 3 दिनों का सबसे छोटा कार्यकाल भी उनका ही था। वह फिर से सूबे का मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार थे लेकिन तभी उन्होंने इस पद के लिए शिंदे के नाम का ऐलान कर दिया। इस साल 22 जुलाई को अपना 52वां जन्मदिन मनाने जा रहे फडणवीस ने एक कुशल राजनेता के रूप में अपनी पहचान बनाई है, जिनकी पार्टी और राज्य मशीनरी पर पकड़ है। उन्होंने हाल में हुए राज्यसभा और विधान परिषद चुनावों में खुद की क्षमता को साबित भी किया था।