चाचा शरद पवार से रिश्तों पर बोले अजित पवार, वह मेरे भगवान हैं लेकिन
पिछले साल जुलाई में अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से अलग होकर सभी को चौंका दिया था। वह राज्य में एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्हें उपमुख्यमंत्री बना दिया गया था।
विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने एक बार फिर बड़ा बयान दे दिया है। उन्होंने कहा राकांपा प्रमुख शरद पवार मेरे भगवान हैं, अब तक हम पवार साहब के नेतृत्व में ही काम करते आ रहे थे। हमने अगर कहीं गलती की तो हमारे कान पकड़िए, कहिए कि अजित तुझसे यहां गलती हो गई। महाराष्ट्र के सोलापुर में जनता को संबोधित करते हुए अजित पवार ने कहा, ''हमने किसी का अपमान किया नहीं है, किसी को दुख नहीं पहुंचाया है। इतने दिनों तक हम पवार साहब के नेतृत्व में ही काम कर रहें थे। वह हमारे भगवान है इसमें कोई दो राय नहीं है लेकिन अब हम काम कर रहे हैं तो हमें काम करने दीजिए ना।''
डिप्टी सीएम ने कहा, ''हमने अगर कहीं गलती की तो हमारे कान पकड़िए, कहिए कि अजित तुझसे यहां गलती हो गई लेकिन अगर हम सही रास्ते से चल रहे है। हम सारी संस्थाओं को सही तरह से चला रहें है, अपने इलाके का विकास कर रहें है तो हमें काम करने दीजिए।''
'अपने घर पर तो हम साथ हैं'
वहीं, आपको बता दें कि इससे एक दिन पहले सोमवार को ही पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा कि वह और उनके भतीजे अजित पवार परिवार के रूप में साथ-साथ हैं। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि अजित एक अलग राजनीतिक दल का नेतृत्व कर रहे हैं। शरद पवार ने कहा, “घरत तारि एकत्रच आहेत (कम से कम घर में हम एक साथ हैं)।” वह “राज्य के विभिन्न वर्गों” की इस मांग से जुड़े एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि चाचा-भतीजे की जोड़ी को एक बार फिर साथ आना चाहिए।
'अजित दूसरी पार्टी के हैं, उनके फैसलों पर टिप्पणी क्यों?'
अजित पवार ने पिछले साल जुलाई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से बगावत की थी तथा एकनाथ शिंदे नीत महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यंत्री के रूप में शामिल हो गए थे। हाल के समय में उनके सत्तारूढ़ गठबंधन में बने रहने को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। अजित पवार की इस टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कि उनका अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को बारामती में चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ाने का फैसला गलत था, शरद पवार ने कहा, “वह एक अलग पार्टी में हैं। हम किसी अन्य पार्टी के फैसलों पर टिप्पणी क्यों करें?”
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