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Hindi News महाराष्ट्र बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले पर वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम ने दिया बयान, बोले- मेरी भी राय फांसी की सजा है

बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले पर वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम ने दिया बयान, बोले- मेरी भी राय फांसी की सजा है

बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले पर वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम ने कहा कि मुझे नहीं पता कि दोष सिद्ध होने के बाद कितनी सजा होगी। लेकिन लोगों की मांग है कि आरोपी को फांसी मिले। मेरी राय भी यही है कि आरोपी को फांसी होनी चाहिए।

Senior lawyer Ujjwal Nikam gave a statement on Badlapur sexual harassment case said My opinion is al- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO बदलापुर मामले पर वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम का बयान

महाराष्ट्र के बदलापुर में घटी नाबालिग बच्ची संग यौन उत्पीड़न की घटना के कारण लोगों में आक्रोश है। इसे लेकर अब वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि बेहद शर्मनाक घटा है यह कि दो नाबालिग बच्चियों अत्याचार हुआ है,उससे लगता है कि एक गंभीर घटना है और इंसानियत है या नहीं यह सवाल खड़ी करने वाली घटना है। जो घटना हुई वह कष्टदायक और दुखदायक है, लेकिन इस प्रकार की घटना दोबारा ना हो बल्कि देश में भी ना हो इसलिए सभी सरकारों को कुछ बातों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। पहली बात यह है कि जहां छोटे बच्चे पढ़ते हैं, उनके वॉशरूम में जाने के लिए किस तरह की सेवा उपलब्ध है। हमेशा लेडिस असिस्टेंट को रखना चाहिए और सीसीटीवी की निगरानी होनी चाहिए और क्लास टीचर ने अपने क्लास नोट में नोटिंग करना चाहिए कि कोई अगर बच्चे को वॉशरूम के लिए ले जाता है तो उसका टाइम नोट करना चाहिए।

बदलापुर मामले पर क्या बोले उज्जवल निकम

उन्होंने आगे कहा कि किसी को भी उसकी जिम्मेदारियां से टाला नहीं जा सकता है। इसलिए अब पोक्सो में भी कुछ सुधार की जरूरत है, क्योंकि छोटे बच्चे और बच्चियों पर इस तरह से अत्याचार होते होंगे और वह भी वॉशरूम में होंगे तो यह एक बड़ी चुनौती है, ना सिर्फ पुलिस और कानून व्यवस्था के लिए बल्कि यह पूरी सरकार की व्यवस्था के लिए भी चुनौती है। उज्जवल निकम ने कहा कि स्कूल के सीसीटीवी कैमरे नहीं चल रहे थे, वह भी एक दंडनीय अपराध होना चाहिए। जब तक यह दंडनीय अपराध नहीं होगा, तब तक मानसिकता में बदलाव नहीं आने वाला है। जिस शख्स को काम पर रखा जाता है, इसका एक स्पेशल क्राइटेरिया होना चाहिए कि किन लोगों को बच्चों के काम में रखा जाए, खासतौर पर वॉशरूम में।

आरोपी को होनी चाहिए फांसी?

उन्होंने कहा कि बच्चों को उनके पैरेंट्स के हवाले किया जाता है, तब तक बच्चे स्कूल की जिम्मेदारी होती है। बता दें कि इस मामले में अब तक महाराष्ट्र सरकार द्वारा कार्रवाई करते हुए जिम्मेदार लोगों को सस्पेंड कर दिया गया है। उज्जवल निकम ने आगे कहा कि ऑफिशियल कम्युनिकेशन अभी तक मुझे नहीं मिला है, लेकिन गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुझसे कल फोन पर बात की थी, मैंने स्वीकृति दे दी है। पब्लिक प्रॉसिक्यूटर का जो काम है पुलिस के चार्जशीट दाखिल करने के बाद शुरू होता है। जब चार्जशीट दाखिल होगी, तब मुझे पता चलेगा कि क्या सबूत हैं और कौन से सबूत नहीं हैं। आरोपी की सजा को लेकर उन्होंने कहा कि आरोपी को इस मामले में कितनी सजा हो सकता है, इस पर मैं अभी कुछ नहीं कह सकता है। लोगों की मांग है कि आरोपी को फांसी की सजा दी जाए, वहीं मेरी भी राय फांसी की सजा ही है।