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Hindi News महाराष्ट्र Seat Belt: 1 नवंबर से मुंबई में सभी ड्राइवरों, यात्रियों के लिए सीट बेल्ट अनिवार्य

Seat Belt: 1 नवंबर से मुंबई में सभी ड्राइवरों, यात्रियों के लिए सीट बेल्ट अनिवार्य

Seat Belt: टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की एक रोड एक्सीडेंट में मौत ने कार की पिछली सीट पर भी सीट बेल्ट लगाने की जरुरत पर नई बहस छेड़ दी थी। मिस्त्री की मौत के बाद सड़क सुरक्षा पर भी सवाल उठने लगे थे।

Seat Belt- India TV Hindi Image Source : INDIA TV (FILE PHOTO) Seat Belt

Seat Belt: मुंबई में 1 नवंबर से चार पहिया वाहनों के ड्राइवरों और सह यात्रियों को सीट बेल्ट (Seat Belt) पहनना अनिवार्य है। मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सभी वाहन ड्राइवरों और यात्रियों के लिए 1 नवंबर से सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य कर दिया है। यह निर्णय मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम की धारा 194(बी)(1) में संशोधन के मद्देनजर लिया गया है, जिसमें यह अनिवार्य है कि कोई भी व्यक्ति जो गाड़ी में मौजूद है उसे सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य है। यानी बिना सीट बेल्ट के गाड़ी चलाने या यात्रियों को बिना सीट बेल्ट पहने ले जाने पर कानूनी कार्रवाई होगी।

जिनके पास सीट बेल्ट की सुविधा नहीं, उन्हें 31 अक्टूबर तक का वक्त
मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने उन सभी वाहन मालिकों को जिनके पास सीट बेल्ट की सुविधा नहीं है, उन्हें 31 अक्टूबर तक का समय दिया है। 1 नवंबर से मुंबई की सड़कों पर गाड़ियों में सवार सभी चालकों और यात्रियों को अनिवार्य रूप से सीट बेल्ट पहनना होगा या कानूनों के तहत दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

साइरस मिस्त्री के निधन के बाद लिया यह फैसला
यह फरमान सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रासंगिक माना जा रहा है, और यह कानून 4 सितंबर को एक सड़क दुर्घटना में प्रख्यात उद्योगपति साइरस पी. मिस्त्री की मौत के 5 हफ्ते बाद आया है, गुजरात से मुंबई की यात्रा के दौरान तेज रफ्तार गाड़ी में सवार मिस्त्री की हादसे में मौत हो गई थी। हादसे के वक्त मिस्त्री पिछली सीट पर बैठे थे और उन्होंने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी।

इससे पहले, 14 अगस्त को, महाराष्ट्र के प्रमुख राजनेता विनायक मेटे की मुंबई जाने वाले रास्ते में रायगढ़ के पास मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी।

1 साल के अंदर 500,000 दुर्घटनाओं का रिकॉर्ड
बता दें कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में बताया था कि देश में 1 साल के अंदर 500,000 दुर्घटनाओं का रिकॉर्ड देखकर दंग रह गया हूं। उन्होंने बताया कि सड़क हादसों में 60 प्रतिशत 18-34 उम्र वर्ग के लोग शामिल हैं। उन्होंने ग्रामीण आबादी के शहरी क्षेत्रों में भारी प्रवास पर अफसोस जताया और कहा कि आज गांवों और वन क्षेत्रों में 65 प्रतिशत लोग सकल घरेलू उत्पाद के 12% से ज्यादा का योगदान नहीं करते हैं।