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Hindi News महाराष्ट्र विरोध के बीच रामगिरि महाराज का बड़ा बयान, बोले- कोई खेद प्रकट नहीं करना चाहता

विरोध के बीच रामगिरि महाराज का बड़ा बयान, बोले- कोई खेद प्रकट नहीं करना चाहता

सरला द्वीप के मठाधीश महंत रामगिरि महाराज के बयानों को लेकर महाराष्ट्र व कई अन्य राज्यों में बवाल मचा हुआ है। इन सब के बीच रामगिरि महाराज ने कहा है कि बयान से इतना बवाल होगा इसका मुझे अंदाजा नहीं था और ये क्यों हो रहा है यह भी मुझे पता नहीं।

सरला द्वीप के मठाधीश महंत रामगिरि महाराज।- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA सरला द्वीप के मठाधीश महंत रामगिरि महाराज।

महाराष्ट्र समेत कई अन्य राज्यों में सरला द्वीप के मठाधीश महंत रामगिरि महाराज द्वारा इस्लाम को लेकर दिए गए बयान पर हंगामा और विरोध प्रदर्शन जारी है। रामगिरि महाराज के समर्थन में आगे आए विधायक नितेश राणे ने भी विवादित बयान दे दिया जिस कारण उनपर कार्रवाई की मांग हो रही है। ऐसे समय में अब रामगिरि महाराज ने खुद सामने आ कर सवालों के जवाब दिए हैं। उन्होंने कहा है कि वह अपने बयान को लेकर कोई खेद प्रकट नहीं करना चाहते। आइए जानते हैं कि रामगिरि महाराज ने पूरे मुद्दे पर क्या कुछ कहा है। 

सत्य को उजागर करना हमारा काम- रामगिरि महाराज 

रामगिरि महाराज ने कहा है कि जो बयान मैंने दिया है वह किसी ग्रंथ के आधार पर दिया था। वह इतिहास है और इतिहास बदल नहीं सकता। सत्य को उजागर करना हमारा काम है। उन्होंने कहा कि जो मैंने कहा है वह सत्य कहा है और बांग्लादेश में जो चल रहा है हिंदुओं पर, जो अत्याचार हो रहा है उसी को बताते हुए मैंने उदाहरण के तौर पर वह बातें कही थीं। रामगिरि महाराज ने कहा कि यह देश संविधान से चलता है और संविधान में हमें अपना मत व्यक्त करने का  हक दिया गया है। एफआईआर जिसने किए हैं उसने किए हैं लेकिन पुलिस ने मुझसे FIR के बारे में कोई संपर्क नहीं किया।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर कौन अत्याचार कर रहा?

रामगिरि महाराज ने कहा है कि मेरे बयान से इतना बवाल होगा इसका मुझे अंदाजा नहीं था और क्यों हो रहा है यह भी मुझे पता नहीं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो महिलाओं के साथ रेप हो रहा है वह क्यों हो रहा है। दिल में जो आया वह मैंने कह दिया। मुझे नहीं लगता कि मैंने कोई विवादास्पद बात कही है। बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार करने वाले आखिर कौन हैं? वह इस्लाम धर्म के लोग हैं और यह सब को दिख रहा है।

मुस्लिमों को कट्टरता को दूर करना चाहिए- रामगिरि महाराज 

रामगिरि महाराज ने कहा कि रामायण है, महाभारत है, जो पौराणिक ग्रंथ है, कोई पढ़ेगा तो उसे पता चला कि राम ने क्या किया है, कृष्णा ने क्या किया है। जो कहीं कुछ लिखा हुआ है तो कोई भी पढ़ेगा और आज जो मैंने कहा है कल कोई भी इस बात को कह सकता है। रामगिरि महाराज ने कहा कि मैं मुस्लिम भाइयों को कहूंगा कि आप इतना आक्रोश ना करें और यह आपकी जिम्मेदारी है कि अगर आपके समाज में कोई अराजकता करने वाला है तो उसे आप कंट्रोल करें। जैसे अगर हिंदू समाज में कोई अराजकता फैलाने वाला है तो उसे हम कंट्रोल करते हैं। मुस्लिम भाइयों को कट्टरता को दूर करना चाहिए।

कोई खेद प्रकट नहीं करना चाहता-  रामगिरि महाराज 

रामगिरि महाराज ने साफ तौर पर कहा कि अपने बयान को लेकर मैं कोई खेद प्रकट नहीं करना चाहता। जो हम पर आरोप लगा रहे हैं कि किसी चुनाव को देखते हुए किसी राजनीतिक दल के बहकावे में मैंने यह किया उनसे मैं यह कहना चाहूंगा कि क्या बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार आपके चुनाव को देखकर शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि मेरे पास हर पार्टी के लोग आते हैं और मैं किसी भी पार्टी का पक्ष नहीं लेता। मुख्यमंत्री अच्छे काम को सपोर्ट कर रहे हैं, हम उनका शुक्रिया अदा करते हैं।

नितेश राणे को लेकर भी बोले

नितेश राणे के विवादित बयान पर भी रामगिरि महाराज ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि नितेश राणे ने जो कहा वह लोगों की भावनाएं हैं जो प्रकट हो रही हैं। मेरा उससे कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि नितेश राणे ने जो बयान दिया है, इस बयान की आवश्यकता नहीं है लेकिन यह सवाल उनसे पूछा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा विरोध लोग सस्ती पब्लिसिटी के लिए कर रहे हैं।

हमें मुकदर्शक नहीं बनना चाहिए- रामगिरि महाराज ​

रामगिरि महाराज ने कहा है कि किसी के बोलने से गिरफ्तारी नहीं होती। अकबरुद्दीन ओवैसी ने जब बोला था कि 15 मिनट के लिए पुलिस हटा दो तब उनकी गिरफ्तारी हुई थी क्या। इस देश में अपना मत व्यक्त करने की स्वतंत्रता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सुरक्षा दी है और मैं उससे संतुष्ट हूं। संन्यासी बन के भगवा पहन लिया है तो गिरफ्तारी से क्या डर। जीवन समाज के लिए है, भगवान के लिए। रामगिरि महाराज ने कहा कि मैंने कहा था कि जो बांग्लादेश में हुआ है वह हमारे देश में भी हो सकता है अगर हम यानी कि हिंदू एकजुट नहीं हुए तो। हमारे ऊपर अगर अन्याय होता है तो हमें मुकदर्शक बनकर नहीं रहना चाहिए। 

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