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Hindi News महाराष्ट्र Sanjay Raut : संजय राउत की मुश्किलें बढ़ीं, ED ने जमानत अर्जी का किया विरोध

Sanjay Raut : संजय राउत की मुश्किलें बढ़ीं, ED ने जमानत अर्जी का किया विरोध

Sanjay Raut: संजय राउत ने मुंबई की विशेष पीएमएलए कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी, जिस पर ED ने आज जवाब दाखिल किया है।

Sanjay Raut, Shiv Sena Leader- India TV Hindi Image Source : PTI Sanjay Raut, Shiv Sena Leader

Highlights

  • मुंबई की विशेष पीएमएलए कोर्ट में मामले की सुनवाई
  • ED ने संजय राउत की जमानत का विरोध किया
  • यह मामला राजनीतिक बदले का ‘सटीक उदाहरण’-संजय राउत

Sanjay Raut : शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पात्रा चॉल भूमि घोटाला (Patra Chawl Scam) मामले में संजय राउत की जमानत अर्जी का ईडी ने विरोध किया है। संजय राउत ने मुंबई की विशेष पीएमएलए कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी, जिस पर ED ने आज जवाब दाखिल किया है। इस जवाब में जमानत का विरोध किया गया है।

यह मामला राजनीतिक बदले का ‘सटीक उदाहरण’-संजय राउत

संजय राउत का इस संबंध में कहना है कि पात्रा चाल मनी लॉन्ड्रिंग केस से उनका कोई लेना-देना नहीं है। संजय राउत ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED ) का उनके खिलाफ यह मामला राजनीतिक बदले का ‘सटीक उदाहरण’ है। पात्रा चाल  घोटाले के संबंध में ED ने एक अगस्त को राउत को गिरफ्तार किया था। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। पीएमएलए) अदालत ने ED को जमानत अर्जी पर 16 सितंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा था। ईडी ने आज अपना जवाब दाखिल कर संजय राउत की जमानत याचिका का विरोध किया है।

14 साल बाद भी किराएदारों को कोई फ्लैट नहीं मिला

ED के अनुसार, महाराष्ट्र आवासीय और क्षेत्र विकास प्राधिकरण (महाडा) ने पात्रा चाल पुन:विकास परियोजना उपनगरीय क्षेत्र गोरेगांव में स्थित गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (जीएसीपीएल) को सौंपा था। जीएसीपीएल हाउसिंग डेवेलॉपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) से जुड़ी हुई कंपनी है। ED ने कहा कि जीएसीपीएल को पुन:विकास के माध्यम से चाल में रहने वाले किराएदारों को फ्लैट मुहैया कराना था और बची हुई जमीन निजी डेवेलपर्स को बेचनी थी, लेकिन 14 साल बाद भी किराएदारों को कोई फ्लैट नहीं मिला है। 

जमीन टुकड़ों में 1,034 करोड़ रुपये में बेच दी गई

ED ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने उस जगह का फिर से विकास नहीं किया और उस जमीन को टुकड़ों में अन्य बिल्डरों को 1,034 करोड़ रुपये में बेच दिया तथा अपनी खुद की परियोजना शुरू कर दी। ईडी ने कहा कि संजय राउत के करीबी सहयोगी प्रवीण राउत और गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के अन्य निदेशकों ने महाडा को गुमराह किया। वहीं संजय राउत की जमानत याचिका में कहा गया है कि संजय राउत ‘किसी भी तरह गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन, एचडीआईएल या पात्रा चाल से जुड़े हुए नहीं हैं।'